होगी कार्र‌वाई: नागपुर शहर में 2 करोड़ की लागत से बना रास्ता बदहाल, अभियंताओं को नोटिस जारी

नागपुर शहर में 2 करोड़ की लागत से बना रास्ता बदहाल, अभियंताओं को नोटिस जारी
  • नोटिस देकर अभियतांओं से जवाब मांगा
  • बरसात के बाद दुरुस्ती का आश्वासन
  • बदहाली को लेकर जांच आरंभ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शंकरनगर से रामनगर तक बाजी प्रभु देशपांडे पुतले के नवनिर्मित रास्ते की बदहाली को लेकर जांच आरंभ कर दी गई है। इस मामले में अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार ने नोटिस देकर अभियतंाओं से जवाब मांगा है। हॉटमिक्स प्लांट विभाग के कार्यकारी अभियंता अजय डहाके समेत अन्य दो अभियंताओं से कारण पूछा गया है। इतना ही नहीं ठेका एजेंसी पी के कन्स्ट्रक्शन ने भी रास्ते को बरसात के बाद दुरुस्ती करने का आश्वासन दिया है। नोटिस के जवाब में ठेका एजेंसी ने रास्ते के बुरे हाल के लिए रोड डिवाइडर नहीं होने का हवाला दिया है। पूरे मामले का खुलासा होने पर कार्यकारी अभियंता समेत आला अधिकारी लापापोती करने का प्रयास कर रहे हैं।

रास्ते की खराबी की जांच शुरू

दो माह के भीतर ही रास्ते के बाएं हिस्से में बुरी तरह से परत निकल गई है। इसके साथ ही गिट्‌टी चूरी के रास्ते पर फैल जाने से वाहन चालकों और नागरिकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले को लेकर सोशल मीडिया को नागरिकों ने पोस्ट किया। इस पोस्ट के वायरल होते ही मनपा के आला अधिकारियों में खलबली मच गई है। शहर में रास्तों की दुरुस्ती और सौंदर्यीकरण के नाम पर होने वाली लापरवाही को लेकर अधीक्षक अभियंता मनोज तालेवार ने जांच आरंभ कर दी। इस मामले में कार्यकारी अभियंता, दो अन्य अभियंता और ठेका एजेंसी पी के कन्स्ट्रक्शन को भी नोटिस दिया गया।

यह है पूरा मामला : पिछले साल 20 मार्च को सी-20 की बैठक के दौरान शहर भर में रास्तों की दुरूस्ती और निर्माणकार्य किया गया था। शहर के सबसे पुराने रास्ते शंकर नगर से रामनगर तक के रास्ते को भी दुरूस्ती में शामिल किया गया था। करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से रास्ते का डामरीकरण करने की जिम्मेदारी मनपा के हॉटमिक्स प्लांट को सौंपी गई थी, लेकिन इस रास्ते पर महावितरण कंपनी की ओर से बिजली के खंभे और हाई वोल्टेज लाइन को शिफ्टिंग नहीं करने से निर्माणकार्य में दिक्कत आ रही थी। इस साल के आरंभ में मनपा के अधिकारियों और महावितरण कंपनी के अभिंयताओं की ओर से संयुक्त सर्वेक्षण कर डिमांड दी गई थी। पोल शिफ्टिंग और खंभों को हटाने के लिए मनपा की ओर से महावितरण कंपनी को 60 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। इसके साथ ही रास्ते का निर्माणकार्य करने वाली ठेका एजेंसी पी के कन्स्ट्रक्शन को 24 जनवरी 2023 को दिए कार्यादेश को भी दो मर्तबा समय सीमा बढ़ाकर दिया गया। इस साल मई माह में निर्मित डामर का रास्ता केवल दो माह में ही बुरी तरह से खराब हो गया है।

डिवाइडर के नहीं होने से खराबी

अधीक्षक अभियंता के नोटिस के जवाब में पीके कन्स्ट्रक्शन कंपनी ने तर्क दिया है, कि स्थानीय नागरिकों की ओर से रास्ते पर डिवाइडर नहीं बनाने दिया गया। ऐसे में डिवाइडर के अभाव में रास्ते के दाहिने हिस्से पर वाहनों की आवाजाही अधिक रही है, जबकि बाये हिस्से में वाहनों की आवाजाही नहीं होने से डामर की परत का विस्तार नहीं हुआ। ऐसे में बरसात का पानी भीतर पहुंचते ही डामर के हटने से सड़क खराब हो गई। हालांकि ठेका एजेंसी ने बरसात के बाद दोबारा से दुरूस्ती करने का आश्वासन दिया है।

बरसात के बाद दुरूस्ती

ठेका एजेंसी की ओर से रास्ते की खराबी के लिए डिवाइडर नहीं होने का हवाला दिया गया है। एक ही हिस्से के रास्ते का अत्याधिक इस्तेमाल होने से डामर का विस्तार होने से रास्ता मजबूत हुआ है, जबकि दूसरे हिस्से में आवाजाही नहीं होने से बाया हिस्सा खराब हो गया। ठेका एजेंसी की 50 लाख रुपए की सुरक्षा राशि भी मनपा के पास जमा है। हालांकि ठेका एजेंसी की ओर से बरसात के बाद रास्ते की दुरूस्ती करने का आश्वासन दिया गया है। -अजय डहाके, कार्यकारी अभियंता, हाटमिक्स प्लांट, महानगरपालिका, नागपुर


Created On :   13 Aug 2024 10:42 AM GMT

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