रखें ध्यान: मेडिकल में आनेवाले आधे मरीजों को फंगल इन्फेक्शन, मौसम का स्किन पर पड़ रहा असर

मेडिकल में आनेवाले आधे मरीजों को फंगल इन्फेक्शन, मौसम का स्किन पर पड़ रहा असर
  • मौसम के चलते शरीर पर हो रहा असर
  • 400 में से 200 को फंगल इन्फेक्शन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) के त्वचा रोग विभाग में बदलते मौसम के साथ होनेवाले त्वचा रोग के मरीजों की संख्या बढ़ी है। मौसम के बिगड़ने के कारण बीमारियों का प्रकोप बढ़ा है। इसमें फंगल इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है। त्वचा रोग विभाग की हर रोग की औसत ओपीडी संख्या 400 है। इनमें से 200 मरीज फंगल इन्फेक्शन से पीड़ित होते है। कुछ दिनों तक उपचार के बार मरीज स्वस्थ हो जाते है। यदि समय पर उपचार नहीं किया तो खतरा बढ़ जाता है।

400 में से 200 को फंगल इन्फेक्शन

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2024 की शुरुआत से ही मौसम का हाल विषम रहा है। सर्दियों में गर्मी, गर्मी में बारिश और बारिश के दिनों में एकसाथ दोनों मौसम का अहसास होने लगा है। विषम मौसम के कारण जहां शरीर में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है, वहीं डेंगू व चिकुन गुनिया के मरीज का प्रमाण भी बढ़ चुका है। इसके साथ ही त्वचा रोगियों की संख्या भी बढ़ चुकी है। इन दिनों फंगल इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या अधिक हो चुकी है। मेडिकल के त्वचा रोग विभाग में हर रोज औसत 400 मरीज आते हैं। इनमें से 50 फीसदी यानि 200 मरीज मौसम के कारण होनेवाले फंगल इन्फेक्शन से पीड़ित बताए गए है। संवेदनशील त्वचा होने पर फंगल इन्फेक्शन जल्दी होता है।

सूत्रों के अनुसार त्चचा पर लाल धब्बे, दाद, खुजली, फोड़े-फुंसिया होना फंगल इन्फेक्शन के वर्ग में शामिल है। इसके अलावा बदलते मौसम के कारण घमौरियां भी होने लगी है। आम दिनों में मेडिकल में फंगल इन्फेक्शन के मरीजों की संख्या अधिकतम 20 से 25 फीसदी होती है। इसके अलावा अन्य त्वचा रोगियों का समावेश होता है। हालांकि फंगल इन्फेक्शन सामान्य समस्या है, लेकिन समय रहते उपचार नहीं होने पर इसका फैलाव शरीरभर होने का खतरा बना रहता है। उपचार नहीं होने पर उतक, हडि्डयां और अन्य अंगों को प्रभावित करता है।

इस तरह फैलता है संक्रमण

त्वचा रोग विभाग के प्रमुख डॉ. जयेश मुखी ने फंगल इन्फेक्शन को त्वचा संबंधी संक्रमण बताया है। यह बीमारी फैलानेवाले फंगस हवा, पानी, पौधों, मिट्‌टी या अन्य स्थानों पर विकसित होते है। जब यह फंगस इंसान के शरीर के संपर्क में आते है तो संक्रमण होता है। मौसम की विषमता, पर्यावरण में बदलाव आदि के कारण संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा वातावरण का नरम-गरम होना, तंग कपड़े पहनना, अधिक पसीना आना, संक्रमित लोग या जानवरों के संपर्क में आने से भी फंगल इन्फेक्शन होता है।


त्वचा रोग विभाग के प्रमुख डॉ. जयेश मुखी

डॉ. मुखी ने बताया कि त्वचा को सूखा व स्वच्छ रखना चाहिए। इसके अलावा सूती व ढीले कपड़े पहनना चाहिए, भरपुर प्रमाण में पानी पीना चाहिए, बरसात में बालों को गीला नही रखना चाहिए, दूसरे व्यक्तियों का तौलिया या कपड़े उपयोग में नहीं लेना चाहिए, अपनी मर्जी से कोई दवा नहीं लेनी चाहिए। त्वचा की कोई भी समस्या आने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच व उपचार करवाने की सलाह डॉ. मुखी ने दी है।


Created On :   12 Sept 2024 8:48 PM IST

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