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आवाजाही: पूर्व मंत्री खडसे का भाजपा में प्रवेश तय, फडणवीस ने दी जानकारी
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- लोकसभा चुनाव में राकांपा शरद गुट छोड़ दी थी
- फडणवीस के मुख्यमंत्री कार्यकाल में नाराज होकर छोड़ी थी भाजपा
- गणेश विसर्जन के बाद होगी वापसी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे का भाजपा में प्रवेश तय है। गणेश विसर्जन के बाद उन्हें भाजपा में प्रवेश दिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा में जानकारी दी। खडसे ने लोकसभा चुनाव के समय राकांपा शरद पवार गुट को छोड़कर भाजपा में वापसी की थी। लेकिन उन्हें अधिकारिक तौर पर प्रवेश नहीं दिया गया था। इस विषय को लेकर राजनीतिक बयानबाजी चल रही थी।
फडणवीस ने कहा है कि खडसे को भाजपा में प्रवेश के संबंध में किसी तरह की अड़चन नहीं है। उन्हें पार्टी में प्रवेश देने का निर्णय भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने लिया है। वह निर्णय सभी को मान्य है। गणेश विसर्जन के बाद केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा कर खडसे के पार्टी प्रवेश के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। मंगलवार 17 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा। माना जा रहा है कि उसी दिन खड़से को भाजपा में प्रवेश दिया जाएगा।
फडणवीस से नाराजगी : महाराष्ट्र में भाजपा में एकनाथ खडसे वरिष्ठ नेता है। गोपीनाथ मुंडे के साथ उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा के विस्तार के लिए उस समय काम किया जब पार्टी की आम लोगाें में स्वीकार्यता नहीं थी। मुंडे की मृत्यु के बाद खडसे मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे। लेकिन 2014 में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी तो देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया। खडसे को 10 से अधिक विभागों का मंत्री बनाया गया। उस दौरान फडणवीस व खडसे के बीच राजनीतिक स्पर्धा चलती रही।
खडसे, उपमुख्यमंत्री पद व बंगले के लिए मांग करते रह गए। कुछ माह बाद पुणे में जमीन घोटाले में लिप्तता के आरोप में खडसे के विरुद्ध जांच शुरु हुई। उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। खडसे ने खुलकर आरोप लगाए कि राजनीतिक से दरकिनार करने के लिए देवेंद्र फडणवीस उन्हें टारगेट कर रहे है। बाद में खडसे ने भाजपा छोड़ दी। शरद पवार के नेतृत्व की राकांपा में प्रवेश लिया। राकांपा ने उन्हें विधान परिषद सदस्य बनाया।
कुछ समय बाद राकांपा से भी उनका मोहभंग हो गया। लोकसभा चुनाव में उन्होंने राकांपा छोड़ दी। उनकी बहू रक्षा खडसे भाजपा की लोकसभा सदस्य चुनी गई और केंद्रीय मंत्री बनी। बाद में खडसे ने राकांपा छोड़ दी। भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिले। उनकी भाजपा में वापसी तय हुई लेकिन पार्टी में उन्हें प्रवेश नहीं मिला था। इस बीच खडसे ने पुन: राकांपा शरद गुट में प्रवेश की तैयारी भी की थी। एक दिन पहले ही खडसे ने खुलासा किया कि उन्हें फडणवीस ने राज्यपाल बनाने का वादा किया था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें भाजपा का दुपट्टा पहनाया था। लेकिन बात नहीं बनी।
Created On :   14 Sept 2024 7:00 PM IST