लापरवाही: नागपुर में कई लोग नहीं दे पाए वोट, मतदाता सूची में रवींद्र सुखदेवे हो गए अयूब खान

नागपुर में कई लोग नहीं दे पाए वोट, मतदाता सूची में रवींद्र सुखदेवे हो गए अयूब खान
  • जिला प्रशासन की लापरवाही आई सामने
  • मतदान से वंचित रह गए कई
  • धर्म बदलने से रोष

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण सुखदेवे दंपति लोक सभा चुनाव में वोट देने से वंचित रह गए। मतदाता सूची में रवींद्र जीवनदास सुखदेवे व उनकी पत्नी मीनाक्षी सुखदेवे का नाम बदलकर अयूब खान और रबिया बेगम मिर्जा बेग कर दिया गया। रवींद्र सुखदेवे ने सोमवार को जिलाधीश कार्यालय में अधिकारियों से भेंट की और इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के कारण मेरा धर्म बदल गया और वोट से भी वंचित रह गया।

सख्त कार्रवाई की मांग : सक्करदरा आेम नगर निवासी रवींद्र सुखदेेवे व मीनाक्षी सुखदेवे दोनों हर बार शिव नगर स्थित स्कूल में मतदान करते थे। इस बार भी सुखदेवे दंपत्ति उसी स्कूल में वोट डालने गए तो सूची में नाम नहीं मिला। इपिक नंबर से खोजबीन की तो दिघोरी की एक स्कूल में वोट होने का पता चला। दिघोरी स्थित स्कूल में जाने पर सुखदेवे दंपति हैरान हो गए। दोनों के नाम बदल गए थे। पहचान पत्र व इपिक नंबर के आधार पर वोट डालने देने की गुजारिश की, लेकिन वोट नहीं डालने दिया गया। रवींद्र सुखदेेवे ने सोमवार को जिलाधीश कार्यालय में अधिकारियों से भेंट कर पूरा वाकया बताया। जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण वोट से वंचित रहने का दावा किया। अधिकारियों ने उनसे एक फार्म भरवाकर नाम में सुधार की उनकी गुजारिश मान्य कर ली। रवींद्र ने जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।

अधिकारियों के संरक्षण में आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप : नागपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रत्याशी टेकराज बेलखोडे ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के संरक्षण में भाजपा द्वारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। अधिकारियों को जानकारी देने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वोटिंग के दिन कोई भी प्रत्याशी अपने फोटो व पार्टी सिंबल का उपयोग नहीं कर सकता, लेकिन भाजपा के लोग चुनाव के दिन एक विशेष मशीन लेकर बैठे। वोटर का नाम डालने पर उसमें से एक विशेष चिट निकलती थी, जिस पर भाजपा प्रत्याशी नितीन गडकरी की फोटो व कमल का चिह्न आैर गडकरी को वोट देने की अपील की गई थी। यह सरासर आचार संहिता का उल्लंघन है आैर वोटिंग के दिन शहर भर में ऐसा हुआ। शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन सत्तारुढ पार्टी के दबाव में था आैर अधिकारियों के संरक्षण में यह सब कुछ हुआ। भाजपा व जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उपजिला निर्वाचन अधिकारी प्रवीण महिरे को मांगों का निवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई है।

Created On :   23 April 2024 1:14 PM IST

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