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तैयारियां जोरों पर: मुख्यमंत्री से होगी लाड़ली बहनों की मुलाकात, एसटी बसों की रहेगी अहम भूमिका
- विदर्भ के छोटे छोटे गांव से लाड़ली बहनों को लाया जाएगा
- नागपुर में 31 अगस्त को रहेगा भव्य आयोजन
- नागपुर विभाग से 350 एसटी बसें बुक
डिजिटल डेस्क, नागपुर। इन दिनों लाडली बहन योजना बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री की यह योजना हर किसी को भा रही है। इस योजना का लाभ कई बहनों को मिला है। अब बारी है, मुलाकात की। यानी लाडली बहन अब मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगी। इसके लिए नागपुर में 31 अगस्त को एक भव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया है। ऐसे में जिले के छोटे-छोटे गांव से लाड़ली बहनों को यहां तक पहुंचाने का जिम्मा एसटी महामंडल की बसों को दिया गया है।
हाल ही में महाराष्ट्र लाडली बहन योजना लागू हुई है। जिसका लाभ अभी तक लाखो महिलाओ ने उठाया है। लेकिन अभी तक लाडली बहनों के साथ मुख्यमंत्री की सीधी मुलाकार नहीं हुई है। ऐसे में अब नागपुर के संभावित रेशीमबाग मैदान में इस कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया है। जिसमें हजारों महिलाओं का आना होगा। लेकिन जिले के छोटे छोटे गांव से महिलाओं को यहां तक आने में दिक्कतो का सामना न करना पड सकता है। इसलिए एसटी बसों का साथ लिया जा रहा है। नागपुर विभाग से कुल 350 बसों को इन्हें लाने ले जाने का जिम्मा दिया है। ऐसे में 31 अगस्त के दिनभर यह बसें लाडली बहनों को लाने ले जाने में व्यस्त रहनेवाली है। बता दे कि हाल ही में यवतमला में आयोजित महिला सशक्तीकरण सम्मेलन में नागपुर विभाग से 300 बसें लगाई गई थी। इसके बाद अब लाडली बहन योजना में बसों को लगाया गया है।
यात्रियों को सहना पड़ेगा टोटा : बता दें कि नागपुर विभाग में कुल 427 बसें है। इन बसों की तुलना में प्रति दिन यात्रियों की संख्या ज्यादा है। कई वर्षों से नई बसों के नहीं आने से व पुरानी बसों के कबाड़ बनने से बसों की संख्या कम हो गई है फलस्वरूप वर्तमान में कई मार्ग पर फेरियों की संख्या कम की है। ऐसे में यात्रियों को घंटों के इंतजार के बाद बसें मिलती है। ऐसे में एकसाथ 350 बसें व्यस्त रहने से यात्रियों को निश्चित तौर पर बसों का टोटा सहना पड़ेगा। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो वह दूसरे विभाग से भी बसों को लानेवाले है। लेकिन यात्रियों की संख्या को देख टोटा पड़ने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।
आज ही करार हुआ है। बसों को बाहरी विभाग से भी बुलाया जानेवाला है। जिसके कारण यात्रियों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़ेगा। वही लाडली बहन योजना में भी बसों का योगदान रहेगा। श्रीकांत गभणे, प्रादेशिक व्यवस्थापक, एसटी महामंडल नागपुर
Created On :   28 Aug 2024 3:09 PM IST