कार्रवाई की मांग: सलमान खान हिट एंड रन मामले के समान संकेत बावनकुले पर दर्ज करें केस

सलमान खान हिट एंड रन मामले के समान संकेत बावनकुले पर दर्ज करें केस
  • शिवसेना उबाठा की उपनेता सुषमा अंधारे सीताबर्डी थाना में पहुंची
  • निष्पक्ष जांच के लिए संकेत को आरोपी बनाना आवश्यक
  • गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी दागा सवाल

डिजिटल डेस्क , नागपुर। समान न्याय का आवाहन करते हुए शिवसेना उबाठा की उपनेता सुषमा अंधारे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पर सवाल दागा है। उन्होंने सलमान खान हिट एंड रन प्रकरण के समान संकेत बावनकुले पर कार्रवाई करने व केस दर्ज करने की मांग की है। बुधवार को सीताबर्डी थाने में जांच अधिकारी से अंधारे ने विविध विषयों पर चर्चा की। उसके बाद पत्रकार वार्ता में बोल रही थी।

रविवार को मध्यरात्र में तेज रफतार ऑडी कार से रामदासपेठ में कुछ वाहनों को क्षति हुई थी। जांच में पता चला है कि ऑडी कार संकेत बावनकुले की है। संकेत, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के पुत्र हैं। पुलिस ने कार चालक सहित दो लोगों पर प्रकरण दर्ज किया है। अंधारे ने कहा-इस प्रकरण में पुलिस की कार्रवाई में स्पष्टता नहीं है। साफ तौर पर देखा जा रहा है कि पुलिस पर दबाव है। गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा है कि निष्पक्ष जांच होगी। लेकिन संकेत जब तक आरोपी नहीं बनाए जाएंगे तब तक कैसे मान लें कि कार्रवाई निष्पक्ष हो सकती है। पुलिस ने पहले तो यह भी नहीं माना था कि संकेत उस कार में सवार था।

अब भले ही यह मान ले कि कार चालक ने शराब पीकर वाहन का नियंत्रण खोया लेकिन कार सवार संकेत की मेडिकल जांच क्यों नहीं की गई। सलमान खान वर्सेस राज्य सरकार व परेरा वर्सेस राज्य सरकार मामले में न्यायालय ने आदेश दिया है कि हिट एंड रन मामलों में वाहन में सवार सभी लोगों पर कार्रवाई होना चाहिए। उस आदेश का पालन भी नहीं किया जा रहा है। यह मान ले कि संकेत लाहोरी बार में मसाला दूध पीने गए थे लेकिन यह कैसे मान ले कि उन्होंने ढाई करोड की गाड़ी की चाबी शराब पीए हुए चालक को देने के बाद भी कोई अपराध नहीं किया। इस प्रकरण में शिकायतकर्ता के संबंध में अफवाह फैलायी जा रही है कि वह शिकायत वापस ले रहा है। असल में शिकायतकर्ता दबाव में है। सीआरपीसी की धारा 169 के अनुसार जांच में एबीसी समरी कर रिपोर्ट देने के बाद ही एफआईआर वापस लेने की प्रक्रिया हो सकती है। इसके अलावा अधिनियम 482 के अनुसार प्रक्रिया करके न्यायालय से एफआईआर रद्द करने का निवेदन किया जा सकता है।

Created On :   11 Sept 2024 4:22 PM IST

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