खास खबर: ट्रेन से दिल्ली- मथुरा और मद्रास चले बप्पा, अगस्त और सितंबर में 71 मूर्तियां भेजीं

ट्रेन से दिल्ली- मथुरा और मद्रास चले बप्पा, अगस्त और सितंबर में 71 मूर्तियां भेजीं
  • रेलवे को अच्छा राजस्व मिला
  • नागपुर की मूर्तियों की मांग बढ़ी
  • विसर्जन के लिए भी भेजी जाती हैं मुंबई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ट्रेनों से बप्पा की मूर्तियां दिल्ली, मथुरा और मद्रास भेजी गईं। 13 अगस्त से 5 नवंबर तक कुल 71 मूर्तियों को विभिन्न जगहों पर भेजा गया है। जिससे रेलवे को अच्छा राजस्व भी मिला। उपराजधानी की नक्काशीदार मूर्तियों की दूसरे राज्यों में बहुत ज्यादा मांग है। जिसके चलते यहां से मूर्तियों को रेलवे के पार्सल विभाग से मंगाया जा रहा है। चितारओली बाजार में गणेशजी, दुर्गा देवी से लेकर हर तरह की मूर्तियां बनाई जाती हैं। यहां के कारिगरों की बनाई नक्काशीदार मूर्तियों की मांग काफी पुरानी है। 7 सितंबर को गणेशजी विराजमान होनेवाले हैं। ऐसे में चितारओली बाजार में छोटी-छोटी मूर्तियों से बड़ी मूर्तियों तक का निर्माण महीनों पहले से शुरू हो गया था। जिसे खरीदने के लिए रोजाना लोगों की भीड़ लग रही। महाराष्ट्र से ही नहीं बल्की बाहरी राज्यों से भी गणेश मूर्तियों को मंगाया जा रहा है। गत एक महीने में रेलवे स्टेशन से 71 मूर्तियों को भेजा गया है। जिसमें छोटी-छोटी मूर्तियों के साथ बड़ी मूर्तियां भी शामिल हैं। रेलवे की पार्सल बोगियों में इन मूर्तियों को पैक कर भेजा जाता है। पहले प्लास्टिक लगाने के बाद इसे पूरी तरह से रैप किया जाता था। जिससे मूर्ती सफर के दौरान टूटे नहीं।

बुकिंग कर भेजनेवाले अलग होते हैं

चैन्नई, शालीमार में गणेश स्थापना करनेवाले सीधे नागपुर आकर गणेश मूर्तियां नहीं लेकर जाते हैं। बल्की मूर्तियों को उनके लिए पहुंचाने के लिए वह एजेंट का सहारा लेते हैं। चितारओली में एजेंट के माध्यम से मूर्तियां बुक कर उसे स्टेशन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। बाजार से मूर्तियां स्टेशन पर लाकर पार्सल कार्यालय पहले बुकिंग होती है। ट्रेन में जगह मिलने के बाद इसके बाद मूर्तियों को प्लेटफार्म कुली ट्राली से इसे पहुंचाया जाता है।

विसर्जन के लिए भी भेजी जाती हैं मुंबई

गणेश स्थापना से लेकर विर्सजन के लिए बप्पा को रेल सफर करना पड़ता है। जिस तरह नागपुर से चैन्नई, शालीमार आदि दिशा में गणेश मूर्तियां लेकर जाते हैं। ठीक उसी तरह यहां विराजमान हुईं गणेश मूर्तियों को मुंबई में विर्सजन के लिए भेजा जाता है। जिसकी बुकिंग पहले से ही कराया जाता है। नागपुर से प्रति वर्ष बड़ी संख्या में मूर्तियों को मुंबई में विर्सर्जित करने भेजा जाता है।

इस तरह भेजी गई मूर्तियां

सबसे पहली बार मद्रास के लिए 15 मूर्तियां भेजी, 15 को मद्रास के लए 41 मूर्तियां गई, 16 अगस्त को मद्रास के लिए 1, 25 अगस्त को सीएसएमटी के लिए 1, 29 अगस्त को मथुरा के लिए 1, 31 अगस्त को सीएसएमटी के लिए 7, 3 सितंबर को भुवनेश्वर में 1 वही 5 सितंबर को निजामुद्दीन के लिए 4 कुल 71 मूर्तियां भेजी हैं। इससे रेलवे को 22 हजार 2 सौ 60 रुपये का राजस्व मिला है।


Created On :   5 Sept 2024 12:47 PM GMT

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