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जिलों के सरकारी कार्यालयों में दिव्यांगों की शिकायतें सुनने को अधिकारी नहीं
- दिव्यांगों की शिकायतें सुनने को अधिकारी नहीं
- हर दिन आते हैं दिव्यांगों की मांगों के 30 से 40 पत्र
- राज्य दिव्यांग कल्याण विभाग के कार्यालय
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के मंत्रालय के सभी सरकारी विभागों और उसके अधीन क्षेत्रिय कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति न होने का खामियाजा राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग के कार्यालय को उठाना पड़ रहा है। प्रत्येक जिले के सरकारी कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारी नहीं होने के कारण दिव्यांग व्यक्ति विभिन्न मांगों और शिकायतों का पत्र सीधे दिव्यांग कल्याण विभाग के कार्यालय में भेज रहे हैं। दिव्यांग कल्याण विभाग के कार्यालय में हर दिन दिव्यांगों की मांगों और शिकायतों को लेकर 30 से 40 पत्र आते हैं। इससे दिव्यांग कल्याण विभाग के अधिकारी हलकान हो गए हैं।
शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने को कहा
दिव्यांग कल्याण विभाग का कार्यालय मंत्रालय के पास स्थित मित्तल टॉवर के ए विंग में है। इसके मद्देनजर दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव अभय महाजन ने मंत्रालय के सभी विभागों के सचिवों को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मंत्रालय सहित सभी जिलों के सरकारी कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने को कहा है। महाजन ने मंत्रालय के सभी विभागों और क्षेत्रिय स्तर के कार्यालयों में नियुक्त शिकायत निवारण अधिकारी का ब्यौरा मांगा है।
विभाग का काम हो रहा प्रभावित
दिव्यांग कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि नियमों के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालयों में दिव्यांगों की समस्याओं के निपटारे के लिए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए। लेकिन राज्य में केवल बेहद कम सरकारी कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इस कारण राज्य के सभी जिलों से दिव्यागों की मांगों और शिकायतें सीधे दिव्यांग कल्याण विभाग के पास पहुंच रही हैं। कई बार दिव्यांगों के पत्रों का अंबार लग जाता है। दिव्यांग कल्याण विभाग में अधिकारियों का अधिकांश समय पत्रों को छांटने और उसको संबंधित विभाग के पास भेजने में चला जाता है। इससे दिव्यांग कल्याण विभाग का काम प्रभावित होता है। इसके चलते सभी विभागों से शिकायत निवारण अधिकारियों की नियुक्ति करने और उसकी जानकारी विभाग के पास भेजने के लिए कहा गया है।
क्या है अधिनियम में प्रावधान
केंद्र सरकार के दिव्यांग व्यक्ति अधिकारी अधिनियम 2016 की धारा 23 के अनुसार, मंत्रालय के सभी विभागों और उसके अधीन आने वाले क्षेत्रीय कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्त करना अनिवार्य है, जिससे दिव्यांग व्यक्तियों की शिकायतों का तत्काल निपटारा हो सके। लेकिन राज्य के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है।
Created On :   22 Jun 2023 4:33 PM GMT