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संकट: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 44 चीनी मिलों को बंद करने का दिया आदेश
सोमदत्त शर्मा, मुंबई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राज्य के लगभग एक लाख 25 हजार किसानों को बड़ा झटका दिया है। पर्यावरण से जुड़े नियमों की अनदेखी करने के मामले में सीपीसीबी ने राज्य के 44 सहकारी चीनी मिलों को 10 नवंबर तक बंद करने का नोटिस जारी किया है। एक नवंबर से गन्ना पेराई का सत्र शुरू हो रहा है ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में चीनी मिलों के बंद होने से राज्य के गन्ना किसानों पर नया संकट आ गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब इतनी बड़ी संख्या में एक राज्य में चीनी मिलों को बंद करने का नोटिस जारी हुआ है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) के अधिकारी ने बताया कि जिन 44 चीनी मिलों को नोटिस भेजा गया है उनमें से 19 चीनी मिल पहले से ही बंद हैं। बाकी 25 चालू कारखाने को बंद करने के लिए एमपीसीबी ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
19 मिल पिछले 10 साल से हैं बंद : एमपीसीबी के एक अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि राज्य में कुल 190 चीनी मिलें हैं जिनमें से सिर्फ 105 मिलें ही सही ढंग से चल रहीं हैं। ऐसे में सीपीसीबी ने जिन 44 मिलों को बंद करने का नोटिस भेजा है उनमें से 19 मिलें पिछले 10 साल से बंद हैं। इस तरह से सिर्फ 25 चीनी मिलों को बंद किया जा सकेगा। जिन 44 मिलों को बंद करने का नोटिस दिया गया है ये सभी मराठवाड़ा और विदर्भ से हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि सीपीसीबी के नियमों के अनुसार सभी चीनी मिलों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाती है। इसलिए इन मिलों को ऑनलाइन मॉनिटरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था लेकिन ये सभी चीनी मिल ऐसा करने में नाकामयाब रहे। जिसके बाद अब इन चीनी मिलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
एमसीसीबी के आदेश के बाद अगर राज्य के 25 चीनी मिल बंद हो गए तो इन चीनी मिलों पर गन्ने की सप्लाई करने वाले करीब एक लाख 25 हजार किसान प्रभावित होंगे। एमपीसीबी के एक अधिकारी के अनुसार इन 25 चीनी मिलों के आआपास के करीब एक लाख 548 एकड़ भूमि पर किसान गन्ने का उत्पादन करते हैं, जिससे प्रतिदिन इन 25 मिलों पर 66 हजार मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की जाती है। ऐसे में ये मिल बंद हो जाते हैं तो किसानों के साथ-साथ सरकार की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ज्यादातर राजनीतिक नेताओं के हैं चीनी मिल : जिन 44 चीनी मिलों को बंद करने का आदेश सीपीसीबी ने दिया है उनमें से ज्यादातर चीनी मिल राजनीतिक पार्टी के नेताओं से संबंधित है। इनमें केंद्रीय मंत्री राव साहेब दानवे, भाजपा विधायक राहुल कुल और बबनराव पाचपुते की चीनी मिल भी शामिल हैं। अगर आने वाले दिनों में इन 25 मिलों पर ताला लग गया तो गन्ना किसानों की मुसीबत बढ़ जाएगी।
Created On :   27 Oct 2023 7:44 PM IST