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बड़ा लक्ष्य: राज्य में शुरू होगी रूफटॉप सोलर योजना, 300 यूनिट तक बिजली मिलेगी मुफ्त
- योजना के अंतर्गत 78 हजार रुपए की सब्सिडी दी जाएगा
- 2030 तक 40 फीसदी गैर पारंपरिक स्रोतों से उत्पन्न करने का लक्ष्य
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने मंगलवार को अंतरिम बजट पेश करते हुए सौर ऊर्जा के उत्पादन को लेकर कई योजनाओं की घोषणा की। सरकार ने साल 2030 तक कुल ऊर्जा का 40 प्रतिशत गैर पारंपरिक स्रोतों से उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा राज्य में रूफटॉप सोलर योजना लागू की जाएगी, जिसके तहत 78 हजार रुपए की सब्सिडी एक कनेक्शन पर दी जाएगी। यह योजना ‘प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना' के अंतर्गत दी जाएगी। इसके चलते उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सकेगी। ऊर्जा विभाग ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 11 हजार 934 करोड़ रुपए का बजट रखा है।
वित्त मंत्री अजित पवार ने विधानसभा में कहा कि किसानों को दिन के समय बिजली की आपूर्ति हो सके, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना' 2.0 की शुरुआत होगी। जिसके तहत 7 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा किसानों के लिए ‘मागेल त्याला सौर कृषि पंप' नाम से एक नई योजना की शुरुआत की जाएगी। इस योजना के तहत 8 लाख 50 हजार नए सौर ऊर्जा कृषी पंप लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत इस साल एक लाख सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से अब तक 78 हजार 757 पंप शुरू हो चुके हैं। राज्य की सभी उपसा (लिफ्ट) सिंचाई योजनाओं को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए अगले दो वर्षों में आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की गई है। लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के लिए सब्सिडी के तहत मिलने वाली बिजली को भी एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
इसके साथ ही राज्य के लगभग 37 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर जहां बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं हैं, उन्हें सौर ऊर्जा सेट प्रदान किए जाएंगे। किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सौर ऊर्जा संचालित बाड़ के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी। जिसे ‘डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जन विकास योजना' के तहत दिया जाएगा। यह सभी योजनाएं पर्यावरण अनुकूल होंगी, जिससे प्रदूषण भी कम होगा और राज्य को हरित ऊर्जा उत्पादन में भी अग्रणी बना सकेंगी। साल 2024-25 के लिए योजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए 11 हजार 934 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
किस विभाग के लिए कितना प्रावधान
सार्वजनिक निर्माण (सड़क) विभाग- 19936 करोड़
सामाजिक न्याय विभाग व विशेष सहायता-18816 करोड़
जलसंसाधन विभाग-16456 करोड़
अनुसूचित जाति योजना -15893 करोड़
आदिवासी योजना-15360 करोड़
ऊर्जा विभाग- 11934 करोड़
शहरी विकास विभाग-10629 करोड़
ग्रामीण विकास विभाग-9280 करोड़
योजना विभाग-9193 करोड़
अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण और अल्पसंख्यक विकास विभाग-5180 करोड़
मृदा व जल संसाधन विभाग-4247
परिवहन, बंदरगाह, गृह विभाग-4094 करोड़
जलापूर्व व स्वच्छता विभाग-3875 करोड़
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग-3827 करोड़
कृषि विभाग-3650 करोड़
महिला एवं बाल विकास विभाग-3107 करोड़
स्कूली शिक्षा विभाग-2959 करोड़
चिकित्सा शिक्षा व औषधि विभाग 2574 करोड़
वन विभाग-2507 करोड़
गृह (पुलिस) विभाग-2237 करोड़
उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग-2098 करोड़
रोजगार गारंटी योजना-2205 करोड़
पर्यटन विभाग-1973 करोड़
सहकारिता, विपणन और वस्त्रोद्योग विभाग-1952 करोड़
सार्वजनिक निर्माण (इमारत) विभाग-1367
गृहनिर्माण विभाग-1347 करोड़
सांस्कृतिक कार्य विभाग-1186
उद्योग विभाग-1021 करोड़
कौशल, नवाचार, रोजगार, उद्यमिता विकास विभाग-807 करोड़
विधि व न्याय विभाग-759
फलोत्पादन विभाग-708 करोड़
राहत व पुनर्वास विभाग-638 करोड़
पशुसंवर्धन, दुग्ध व मत्स्य व्यवसाय विभाग-555 करोड़
क्रीडा विभाग-537 करोड़
राजस्व विभाग-474 करोड़
पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग 245 करोड़
श्रम विभाग-171 करोड़
गृह (उत्पाद शुल्क) विभाग-153 करोड़
मराठी विभाग-71 करोड़
एक नजर में बजट
कुल बजट-600522 करोड़
राजस्व प्राप्तियां-498758 करोड़
राजस्व खर्च-508492 करोड़
राजस्व घाटा-9734
राजकोषीय घाटा-99288 करोड़
Created On :   27 Feb 2024 3:23 PM GMT