समाजसेवा: राज्यभर में पदयात्रा कर देहदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे पुरुषोत्तम पवार

राज्यभर में पदयात्रा कर देहदान के लिए लोगों को प्रेरित कर रहे पुरुषोत्तम पवार
  • मौत के बाद पिता के देहदान का परिवार ने किया विरोध
  • लोगों को जागरूक करना बना लिया जिंदगी का मकसद
  • लगातार जारी है जनोत्थान के कार्य

दुष्यंत मिश्र, मुंबई । पुरुषोत्तम पवार पिछले 14 वर्षों से अपने साथियों के साथ राज्यभर में घूम कर लोगों को देहदान और अंगदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे अब तक हजारों लोगों को देहदान के लिए तैयार कर चुके हैं। पवार ने बताया कि एक घटना ने उन्हें इस कदर झकझोर दिया कि उन्होंने सब कुछ छोड़कर लोगों को देहदान के लिए जागरूक करना ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। पालघर के वसई में रहने वाले पवार पेशे से सराफा कारोबारी और भवन निर्माता थे। उनके पिता बापूसाहेब चिंधु पवार (पाटील) स्वतंत्रता सेनानी थे। वे आजादी की लड़ाई के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, विनोवा भावे आदि के साथ काम करते थे। पुरुषोत्तम का नाम भी विनोवा भावे का ही दिया हुआ है। पवार ने बताया कि उनके पिता की इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनका देहदान किया जाना चाहिए लेकिन जब 2012 में 92 साल की उम्र में उनका निधन हुआ तो परिवार के कई सदस्यों ने विरोध करते हुए देहदान का उनका संकल्प पूरा नहीं होने दिया। परिवार वाले रीति-रिवाजों का हवाला देकर देहदान का विरोध किया तो मैं टूट गया। मुझे लगा कि अगर मैं अपने पिता की अंतिम इच्छा भी नहीं पूरी कर पाया तो कारोबार में लाखों रुपए कमाकर क्या हासिल कर लूंगा। पवार ने कहा कि मैंने गहराई से विचार किया तो समझ में आया कि परिवार के विरोध की वजह जागरूकता का अभाव था। इसलिए मैंने संकल्प लिया कि अब सारे काम छोड़कर लोगों को देहदान के लिए प्रेरित करूंगा और कम से कम एक हजार लोगों से देहदान कराऊंगा।

ससुर के देहदान के बाद नहीं की शोकसभा : पवार ने बताया कि इसी साल 29 फरवरी को मेरे ससुर कृष्णराव पाटील का 90 साल की उम्र में निधन हो गया तो उनकी इच्छा के मुताबिक हमने छह घंटे के भीतर उनके मृत शरीर का दान कर दिया। 2017 में उन्होंने जब देहदान का संकल्प लिया था तो सभी नजदीकी रिश्तेदारों को बुलाकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान परिवार के सभी लोगों को मौका दिया कि वे देहदान को लेकर अपनी राय रखें। हमने फैसला किया कि देहदान के जरिए उन्हें मोक्ष मिला है इसलिए कोई शोकसभा या श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।

देहमुक्ति मिशन से हुई शुरुआत : पवार ने कहा कि मैं कारोबार से अलग हो गया और देह मुक्ति मिशन नाम की संस्था स्थापित कर लोगों को जागरूक करने में जुट गया। शुरुआत में काफी चुनौतियां सामने आईं तो देहदान के मुद्दे पर काम करने वाली मुंबई की संस्थाओं से मैंने संपर्क किया तो पता चला कि दूसरे लोग भी उसी तरह की परेशानी का सामना कर रहे थे। देहदान स्वीकार करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं होते, आईबैंकों का आपसी तालमेल ठीक नहीं था। इसके बाद द फेडरेशन ऑफ ऑर्गन एंड बॉडी डोनेशन नाम की संस्था की स्थापना की जो राज्य की दूसरी इसी तरह की संस्थाओं साथ मिलकर काम करती है।

पदयात्रा कर लोगों को करते हैं जागरूक : हमारी कोशिश है कि निचले तबके के लोगों को देहदान और अंगदान के लिए जागरूक किया जाए। हम एयर कंडीशन अस्पतालों, बड़े कार्यालयों आदि में जाकर औपचारिकता नहीं पूरी करना चाहते। हम आम लोगों को इसके लिए तैयार कर रहे है इसीलिए पदयात्रा के जरिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला किया। पहली पदयात्रा नाशिक से नागपुर से बीच की गई दूसरी पदयात्रा मुंबई से गोवा तक की, तीसरी पदयात्रा मुंबई से बेलगांव की जबकि चौथी यात्रा इसी साल फरवरी महीने में खांदेश के अलग-अलग जिलों में की गई। रास्ते में जितने गांव, सरकारी कार्यालय, पुलिस स्टेशन, अस्पताल आदि आते हैं वहां हम लोगों को अंगदान की अहमियत बताते हैं। अब हम देशभर में यह अभियान चलाना चाहते हैं और मुंबई से दिल्ली के बीच पदयात्रा की तैयारी कर रहे हैं। हम दूसरे राज्यों की संस्थाओं से भी संपर्क कर रहे हैं।

देहदान स्वीकारने के लिए बने एसओपी : देहदान को लेकर लोग जागरूक हो रहे हैं लेकिन सरकारी मशीनरी इसके लिए अभी तैयार नहीं है। संगठन से जुड़े लोगों ने देहदान स्वीकारने के लिए एक जैसी नियमावली बनाने की मांग की है। कुछ दिनों पहले संगठन से जुड़े लोगों ने मामले में चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ से भी मुलाकात की जिसके बाद उन्हें हर जिले में नेत्र और त्वचा दान स्वीकार करने के लिए रिट्रीवल सेंटर स्थापित करने का आश्वासन दिया। साथ ही अवयवदान कार्यकारिणी समिति बनाने की भी बात कही। पवार ने कहा कि देहदान और अंगदान करने वाले मिल जाते हैं लेकिन उसे स्वीकारने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कई बार मुझे खुद दान में मिली आंख निकालकर अस्पतालों तक पहुंचानी पड़ती है।

Created On :   3 March 2024 7:53 PM IST

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