हाईकोर्ट: रियल एस्टेट डेवलपमेंट अथॉरिटी और अपीलीय प्राधिकरण में रिक्त पदों पर जनहित याचिका, इंद्राणी को झटका

रियल एस्टेट डेवलपमेंट अथॉरिटी और अपीलीय प्राधिकरण में रिक्त पदों पर जनहित याचिका, इंद्राणी को झटका
  • अदालत ने राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
  • सरकार को 3 महीने में नीतिगत निर्णय लेने का दिया सुझाव
  • प्राधिकरण में रिक्त पड़े पदों को लेकर में जनहित याचिका दायर
  • इंद्राणी मुखर्जी को लगा झटका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र रियल एस्टेट डेवलपमेंट अथॉरिटी और महाराष्ट्र रियल एस्टेट अपीलीय प्राधिकरण में रिक्तियों को भरने को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने पीठ ने सरकारी वकील से पूछा कि क्या रिक्तियों को भरने के लिए कानून के तहत कोई प्रावधान है? अदालत ने सुझाव दिया कि सरकार रिक्तियों को भरने के लिए 3 महीने पहले नीतिगत निर्णय ले सकती है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष मंगलवार को रेरा प्रैक्टिशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरपीडब्ल्यूए) द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील मनीष गाला ने दलील दी कि समय पर रिक्तियों को न भरने के कारण निकायों के विभिन्न कार्य ठप हो गए। हालांकि सरकार ने रेरा और अपीलीय निकाय कुछ नियुक्तियां कीं। पीठ ने इस पर वकील से सवाल किया कि क्या रेरा एक्ट 2016 या उसके तहत बनाए गए किसी नियम में रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया के बारे में कोई प्रावधान है, तो वकील ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई प्रावधान नहीं मिला है। इसके बाद पीठ न राज्य सरकार को नोटिस जारी करने हुए सरकारी वकील से कहा कि वह प्राधिकरण (रेरा) और 2016 अधिनियम के तहत अपीलीय निकाय के लिए रिक्तियों को भरने के लिए राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में बारे में निर्देश लें। पीठ ने सरकार को जवाब देने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी को लगा झटका

उधर बॉम्बे हाई कोर्ट से शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी झटका लगा। अदालत ने मुखर्जी के यूरोप (स्पेन और इंग्लैंड) की विदेश यात्रा पर जाने से 29 जुलाई तक अस्थायी रोक लगा दी है। विशेष सीबीआई अदालत उन्हें 10 दिनों के लिए यूरोप जाने की इजाजत दे दी थी। न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की एकलपीठ के समक्ष सीबीआई ने मंगलवार को विशेष अदालत के आदेश के खिलाफ अपनी अपील पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। सीबीआई ने विशेष अदालत के 19 जुलाई के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा कि केवल सीमित उद्देश्य और सीमित अवधि के लिए 29 जुलाई तक अंतरिम आदेश होगा, जब नियमित अदालत मामले की सुनवाई करेगी। इंद्राणी मुखर्जी ने विशेष अदालत को बताया कि वह अपने पूर्व पति पीटर मुखर्जी का नाम वसीयत के लाभार्थियों से हटाना चाहती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें स्पेन में कुछ बैंक कार्य करना है। उन्हें अपने बैंक खाते के बारे में अपडेट प्राप्त करना है और स्थानीय बिलों और करों का भुगतान करना है, जिसके लिए उन्हें शारीरिक रूप से वहां उपस्थित होना है। जहां तक इंग्लैंड जाने का सवाल है, तो उन्होंने दलील दिया था कि वह इंग्लैंड की नागरिक हैं, इसलिए वह उस देश की यात्रा करना चाहती हैं। सीबीआई ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए कहा था उनके भागने का खतरा हो सकता है और वह भारत वापस नहीं आएंगी। विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे आवेदनों पर निर्णय लेने के लिए कोई सीधा-सादा फॉर्मूला नहीं है। भागने के जोखिम की आशंका इस तथ्य से दूर की जा सकती है कि भारत का स्पेन और इंग्लैंड के साथ प्रत्यर्पण संधि है।

Created On :   23 July 2024 10:19 PM IST

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