सर्वे में चौंकानेवाला खुलासा: 2023 में लोगों ने की टेस्टिंग की अनदेखी, केवल 21 फीसदी ने कराई जांच, 75 फीसदी जरूरी नहीं मानते

2023 में लोगों ने की टेस्टिंग की अनदेखी, केवल 21 फीसदी ने कराई जांच, 75 फीसदी जरूरी नहीं मानते
  • राज्य में मिले कोरोना के नए वैरिएंट के बीच खुलासा
  • 2023 में लोगों ने की टेस्टिंग की अनदेखी
  • केवल 21 फीसदी ने कराई जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई मोफीद खान। प्रदेश में कोरोना के नए सब वैरिएंट जेएन.1 के संक्रमित सामने आए हैं। इस बीच कोविड टेस्टिंग सर्वे में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जिसमें वर्ष 2023 में कोविड के लक्षण दिखने के बाद भी लोगों ने कोविड टेस्टिंग की अनदेखी की है। सर्वे में शामिल प्रतिभागियों में से सिर्फ 21 फीसदी लोगों ने बताया कि वह या उनके परिवार के सदस्यों ने आरटीपीसीआर टेस्ट कराया था। जबकि 75 फीसदी ने टेस्टिंग कराना जरूरी नहीं समझा।

लोकल सर्किल नामक निजी संस्थान ने कोविड टेस्टिंग को लेकर हाल ही में महाराष्ट्र सहित देशभर में एक सर्वे कराया था। इस सर्वे में प्रदेश के 3,967 लोग शामिल हुए। यह सर्वे मुंबई, ठाणे, पालघर, पुणे, नागपुर आदि जिलों में किया गया था। लोकल सर्किल के संस्थापक सचिन तापड़िया ने बताया कि यह सर्वे दो श्रेणी में किया गया। जिसकी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई है।

कोविड टेस्टिंग पर कितना भरोसा

पहली श्रेणी में प्रतिभागियों से पूछा गया कि क्या परिवार के किसी करीबी सदस्य को कोरोना जैसे लक्षण दिखने पर कोविड टेस्ट कराया था? इस सवाल के जवाब में 2,031 प्रतिभागियों में से 10 फीसदी ने आरटीपीसीआर टेस्ट, 11 फीसदी ने रैपिड एंटीजन टेस्ट और 75 फीसदी प्रतिभागियों ने बताया कि लक्षणों के बावजूद उन्होंने कोई भी कोविड टेस्ट नहीं कराया। सचिन ने बताया कि इस टेस्ट का उद्देश्य यह था कि सरकार को यह पता चल सके कि कोविड टेस्टिंग पर लोगों को कितना भरोसा है।

लोगों ने लक्षण के आधार पर इलाज कराया

1,936 प्रतिभागियों ने कोविड टेस्ट के दूसरे सवाल का जवाब दिया। इसमें सभी ने बताया कि उन्होंने और उनके परिवार के सदस्यों ने सिर्फ लक्षणों के अनुसार उपचार लिया और ठीक हो गए।

नए टास्क फोर्स के गठन में जुटा स्वास्थ्य विभाग

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने नए टास्क फोर्स के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 17 सदस्यों के इस टास्क फोर्स के अध्यक्ष पद पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर की नियुक्ति हो सकती है। जबकि महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. माधुरी कानिटकर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ. दिलीप म्हैसेकर, मुंबई मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह इसकी सदस्य होंगी।

एनआईवी लैब में सैंपल भेज रही है बीएमसी

मुंबई मनपा अपनी जीनोम सिक्वेंसिंग लैब होने के बावजूद कोविड पॉजिटिव मरीजों का सैंपल पुणे के एनआईवी लैब भेज रही है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यहां जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए मनपा को 300 सैंपल की जरूरत है। वर्तमान में मुंबई में 50 लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है।

Created On :   26 Dec 2023 4:00 AM IST

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