शोक की लहर: जीवन का एक लक्ष्य पैसा कमाना था, राजनीति से पहले व्यवसाय में जोशी ने जमाए पैर

जीवन का एक लक्ष्य पैसा कमाना था, राजनीति से पहले व्यवसाय में जोशी ने जमाए पैर
  • मुंबई में बिछाया फ्लाई ओवरों का जाल
  • कोहिनूर तकनीकी संस्थान की स्थापना
  • अच्छे लेखक भी थे जोशी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह "कौशिक'। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का जन्मदिन कोंकण के एक साधारण परिवार में हुआ था। पर जोशी ने बचपन से तय कर रखा था की उन्हें खूब पैसा कमाना है। इसी उद्देश्य से रायगढ़ के अपने गांव से मुंबई आए जोशी ने पहले नौकरी की पर थोड़े समय में उन्हें समझ आ गया की नौकरी से ज्यादा पैसा नहीं कमाया जा सकता। सिविल इंजीनियर की डिग्री हासिल करने वाले जोशी ने शुरुआत में नौकरी पर उनके उद्यमी कौशल ने उन्हें 1970 के दशकों में अनोखे विचार के साथ "कोहिनूर तकनीकी व व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान' शुरू करने के लिए प्रेरित किया। अर्ध-कुशल युवकों को इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, टीवी, रेडियो, स्कूटर की मरम्मत, फोटोग्राफ़ी में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक संस्थान की स्थापना की। उन्होंने मुंबई के अलावा पुणे, नागपुर, नासिक आदि में कोहिनूर की कई शाखाएं शुरू की। जोशी ने खंडाला में कोहिनूर बिजनेस स्कूल एवं कोहिनूर-आईएमआई संस्थान की भी स्थापना की है, जो उनके संबंधित क्षेत्रों में प्रमुख संस्थानों में गिना जाता है। वे होटल व रियल इस्टेट कारोबार में भी उतरे और सफल हुए। वे मुंबई में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ विवादास्पद कोहिनूर मिल जमीन की खरीद में भी शामिल थे। जब उन्होंने उक्त जमीन के टुकड़े की खरीद के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया। उस वक्त इतने कम समय में इतनी बड़ी राशि जुटाने की उनकी क्षमता पर सवाल खड़े हुए थे।

अच्छे लेखक भी थे जोशी सर

कई किताबो के लेखक जोशी ने अपनी एक किताब के विमोचन के मौके पर कहा था कि "जीवन में पैसा कमाना बहुत महत्वपूर्ण है और मेरे जीवन का एक लक्ष्य पैसा कमाना था। अगर आपके पास पैसा है तो आपकी 80 फीसदी समस्याएं हल हो जाती हैं। इसके अलावा, अच्छा चरित्र और उचित योजना बनाना दो अन्य लक्ष्य हैं।' राजनीति में मुकाम बनाने से पहले एक उद्यमी के तौर पर भी जोशी ने देश आर्थिक राजधानी में अपनी एक पहचान बनाई।

वर्ष 2005 में उनकी किताब "स्पीकर डायरी' के बाद 2006 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष की लिखी एक और किताब "1बी’ सामने आई। उन्होंने अपनी हवाई यात्राओं के दौरान हुए अनुभव और सहयात्रियों से बातचीत को इस किताब में रोचक अंदाज में दर्ज किया था। अपनी इस किताब के शीर्षक के बारे में जोशी ने बताया था कि "यह वास्तव में एयर इंडिया विमान की सीट संख्या का प्रतिनिधित्व करता है, और यह पुस्तक इस सीट पर बैठे यात्रियों के साथ मेरी बातचीत के इर्द-गिर्द घूमती है।' तत्कालीन उप मुख्यमंत्री आर आर पाटिल, मुंबई विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति स्नेहलता देशमुख, होटल ऑर्किड के मालिक विट्ठल, केंद्रीय उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल के बेटे प्राजय और दस साल की लड़की अनामिका उन यात्रियों में शामिल हैं, जो जोशी की इस किताब का हिस्सा बने। एक विमान यात्रा के दौरान जोशी के बगल की सीट पर बैठी इस बच्ची ने उनसे कहा कि "मैं आप को पहचानती हूं, टीवी पर देखा है। आप सबको शांत कराते रहते हैं पर कोई आप की बात सुनता नहीं। 10 साल की यह बच्ची अनामिका जोशी के लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर संभालने के दौरान टेलिविजन पर सदन का सीधा प्रसारण देख रखा था।'श्री जोशी ने "आयुष्य कसी जगावे’, प्रशासन, पुढ़ची पीढ़ी जैसी किताबें लिखी।

मुंबई मनपा के नगरसेवक से लेकर लोकसभा के अध्यक्ष पद तक का सफर

शिवसेना (अविभाजीत) के वरिष्ठ नेता तथा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने मुंबई मनपा के नगरसेवक से लेकर लोकसभा के अध्यक्ष पद तक का सफर तय किया। जोशी देश के उन गिने-चुने नेताओं में से एक थे, जिन्होंने विधानमंडल और संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे। जोशी अपने प्रशंसकों के बीच ‘सर’ नाम से जाने जाते थे। जोशी का जन्म 2 दिसंबर 1937 को रायगड जिले के नांदवी गांव में हुआ। उनके परिवार की आर्थिक स्थित काफी खराब थी। इससे उन्हें गांव से मुंबई में आने के बाद काफी संघर्ष करना पड़ा था। जोशी ने विधि में इंजीनियरिंग, कला में स्नातकोत्तर और पीएचडी भी की थी। जोशी ने शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के संपर्क में आने के बाद साल 1967 में राजनीति में प्रवेश किया। वे वर्ष 1968 में मुंबई मनपा के नगरसेवक बने। साल 1970 में मुंबई मनपा के स्थायी समिति के अध्यक्ष थे। जोशी साल 1976-77 के दौरान मुंबई मनपा के महापौर रहे। वे साल 1972-89 तक विधान परिषद के तीन बार सदस्य थे। फिर वे साल 1990 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंने 1990-91 के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी निभायी। जिसके बाद जोशी ने 14 मार्च 1995 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे 30 जनवरी 1999 तक इस पद पर रहे। फिर उन्होंने साल 1999 के लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर-मध्य सीट से जीतकर संसद पहुंचे। जिसके बाद उन्हें केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। जोशी ने वाजपेयी की सरकार में भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय का पदभार संभाला। जोशी साल 2006 में राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए थे।

ऐसे बने थे लोकसभा अध्यक्ष

जोशी 10 मई 2002 से 2 जून 2004 तक लोकसभा के अध्यक्ष पद पर कार्यरत थे। महाराष्ट्र से लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले जोशी नेता थे। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लातूर के शिवराज पाटील 10 जुलाई 1991 से 22 मई 1996 तक लोकसभा अध्यक्ष थे। दरअसल, लोकसभा के तत्कालीन अध्यक्ष जी.एम.सी. बालायोगी का एक हेलिकाप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। जिसके बाद भाजपा ने लोकसभा अध्यक्ष पद शिवसेना को देने का फैसला किया। 10 मई 2002 को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा के नए अध्यक्ष के रूप में जोशी को निर्वाचित करने का एक प्रस्ताव पेश किया। जोशी सर्वसम्मति से लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए थे।

मुंबई में बिछाया फ्लाई ओवरों का जाल

जोशी के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ही मुंबई में कई फ्लाई ओवरों का जाल बिछा था। उनके नेतृत्व में मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे परियोजना का काम हुआ था। हालांकि सड़कों के निर्माण में राज्य के तत्कालीन सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री नितीन गडकरी की अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य करने वालों के लिए राज्य सरकार की ओर से महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार देने की शुरुआत की थी। जोशी के कार्यकाल में कृष्णा घाटी सिंचाई परियोजना की नींव रखी गई थी। उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए "एडवान्टेज महाराष्ट्र काफ्रेंस’ का आयोजन किया। किसानों के लिए "एग्रो एडवान्टेज महाराष्ट्र" नामक कार्यक्रम चलाया। उन्होंने महिलाओं के लिए कामधेनू नीति, बुजुर्गों के लिए मातोश्री वृद्धाश्रम योजना शुरु की थी। युवाओं के लिए सैनिक स्कूल खोला। इसके साथ ही विस्तापित कश्मीरी पंडितों के बच्चों के लिए महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षण लागू किया था।

कोहिनूर तकनीकी संस्थान की स्थापना

जोशी राजनेता के साथ-साथ एक सफल उद्यमी भी थे। उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कोहिनूर तकनीकी संस्थान की स्थापना की थी। इसके अलावा जोशी और उनके परिवार के सदस्य कई भवन निर्माण समेत विभिन्न व्यवसायों से जुड़े हैं।

जोशी का राजनीतिक सफर

राज्यसभा सदस्य – (2006-2012)

लोकसभा अध्यक्ष - (2002- 2004)

केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री (1999- 2002)

13वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित (1999)

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (1995-1999)

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता (1990-91)

महाराष्ट्र विधान परिषद सदस्य (1972-89)

मुंबई मनपा के महापौर (1976-77)

मुंबई मनपा में नगरसेवक (1968-79)



Created On :   23 Feb 2024 9:45 PM IST

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