खुलासा: 30 साल से नहीं मिला एक भी प्लेग रोगी, फिर भी काम कर रहा 17 कर्मचारियों का स्क्वॉड

30 साल से नहीं मिला एक भी प्लेग रोगी, फिर भी काम कर रहा 17 कर्मचारियों का स्क्वॉड
  • स्वास्थ्य विभाग में कई स्थानों पर है कर्मचारियों की कमी
  • 1994 के बाद एक भी प्लेग संक्रमित नहीं मिला
  • काम कर रहा 17 कर्मचारियों का स्क्वॉड

डिजिटल डेस्क, मुंबई. राज्य में पिछले 30 वर्षों से प्लेग का एक भी मरीज नहीं मिला है। इसके बावजूद इसके नियंत्रण के लिए कर्मचारियों की एक प्लेग सर्वेक्षण टीम सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है। इसके साथ ही इस टीम में हर साल 3 और अस्थाई पद बढ़ाए भी जाते हैं। मौजूदा समय में प्लेग नियंत्रण के लिए 17 कर्मचारियों का प्लेग स्क्वाड काम पर बना हुआ है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस स्क्वॉड का बचाव करते नजर आए। राज्य में साल 1953 के बाद प्लेग का कोई भी मामला सामने नहीं आया था, जिसके बाद 1987 से प्लेग सर्वेक्षण टीम का काम रोक दिया गया। लेकिन 1994 में बीड जिले के मामल गांव में प्लेग का एक संदिग्ध मरीज मिला, इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में कुल 634 मरीजों के रक्त के नमूने प्लेग से संक्रमित पाए गए। इसे देखते हुए वर्ष 1994 में प्लेग स्क्वॉड को फिर से स्थापित किया गया। लेकिन 1994 के बाद 2024 तक के 30 वर्षों में प्रदेश में प्लेग का एक भी मरीज नहीं मिला है।

कई जगह पर कर्मचारियों की जरूरत

स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के अधीन आनेवाले जिला, उपजिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अभी भी कर्मचारियों का अभाव बना हुआ है। अगर अस्पताल में उन जगहों पर स्टाफ की तैनाती की जाए, जहां वास्तव में जरूरत है तो इससे मरीजों की देखभाल में फायदा होगा।

नियंत्रण के लिए सर्वेक्षण जरूरी

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. राधाकिशन पवार ने बताया कि प्लेग जैसी संक्रामक बीमारी पर नियंत्रण के लिए सर्वेक्षण जरूरी है। ये टीम इतने सालों बाद भी उस काम पर काम कर रही है। आज भी इस टीम के कर्मचारी एक निश्चित अवधि के बाद चूहों को पकड़ने और उनका विच्छेदन करने के लिए संबंधित जिले में जाते हैं। साथ ही, नमूनों को आगे की जांच के लिए बेंगलुरु की एक प्रयोगशाला में भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि एक अंतराल पर एहतियात के तौर पर बीड, उस्मानाबाद, पुणे, सतारा, कोल्हापुर, सोलापुर जिलों में चूहों और उनके मलमूत्र की नियमित जांच की जाती है। ब्यूबोनिक प्लेग जीवाणु येर्सिनिया पेस्टिस के कारण होता है। यह एक संक्रामक रोग है।

Created On :   27 March 2024 9:14 PM IST

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