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Mumbai News: दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने पीड़िता से इलाज के बदले मांगे थे 10 लाख रुपए

- मामले के लिए बनी कमेटी की प्राथमिक रिपोर्ट में खुलासा
- अस्पताल ने पीड़िता से इलाज के बदले मांगे थे 10 लाख रुपए
Mumbai News. पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में गर्भवती महिला को एडमिट ने किए जाने से हुई मौत के मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित की गई पांच सदस्यीय जांच कमेटी की प्राथमिक जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जांच कमेटी ने जो प्राथमिक जानकारी सरकार के समक्ष रखी है, उसमें यह साफ हुआ है कि अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती महिला से इलाज के बदले में पहले 10 लाख रुपए जमा करने की मांग की गई थी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अब अस्पताल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार पुणे के धर्मादाय संयुक्त आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में प्राथमिक रिपोर्ट मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सौंपी थी। इस रिपोर्ट में प्राथमिक जांच में पाया गया है कि अस्पताल प्रशासन ने गर्भवती महिला का इलाज करने के बजाय असंवेदनशीलता दिखाते हुए इलाज से पहले ही 10 लाख रुपए जमा करने की मांग की थी। 10 लाख रुपए मांगने के आरोप पीड़िता के पति ने भी लगाए थे। जिसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस मामले की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। खबर है कि बहुत जल्द जांच कमेटी पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है, जिसमें और भी कई खुलासे हो सकते हैं।
दैनिक भास्कर ने दो दिन पहले किया था खुलासा
दैनिक भास्कर ने इस संबंध में दो दिन पहले ही खुलासा किया था कि राज्य भर के लगभग सभी धर्मादाय अस्पतालों में निर्धन और गरीब मरीजों के इलाज के नाम पर दूसरे (सामान्य) मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जिसके जरिए अस्पतालों में पिछले एक साल में करीब 14 हजार करोड रुपए से भी ज्यादा की कमाई की है। मुख्यमंत्री चिकित्सा कक्ष की शुरुआती जांच में यह बात सामने आई थी कि इन अस्पतालों ने गरीब मरीजों के नाम पर कई मामलों में तो मंत्रियों और बड़े नेताओं के करीबियों को भी लाभ पहुंचाया है।
क्या था मामला?
पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल ने कुछ दिनों पहले एक गर्भवती महिला मोनाली भिसे का पैसे के अभाव में इलाज करने से मना कर दिया था। मोनाली के पति सुशांत भिसे ने अस्पताल पर इलाज के बदले 10 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया था। सुशांत तुरंत ढाई लाख रुपये देने को तैयार थे लेकिन फिर भी अस्पताल ने इलाज करने से इंकार कर दिया था। इलाज में देरी की वजह से मोनाली की हालत बिगड़ गई थी, इसके बाद उनकी मौत हो गई। सुशांत भाजपा के विधान परिषद के सदस्य अमित गोरखे के निजी सचिव हैं।
Created On :   15 April 2025 9:42 PM IST