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Mumbai News: महाआघाडी के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने का काम कर रही है राज्य सरकार: नाना पटोले
- आघाडी के नेताओं ने मुख्य चुनाव अधिकारी से की मुलाकात
- सीएम शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस पर साधा निशाना
- लगाए नाम हटाने के आरोप
Mumbai News चुनाव आयोग कहता है कि विधानसभा चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होना चाहिए, मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी होनी चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग खुद पारदर्शिता और निष्पक्षता नहीं दिखाता है। अधिकारी सत्तारूढ़ पार्टी के आदेशों पर काम कर रहे हैं। ऑनलाइन फॉर्म नंबर सात के जरिए महाविकास आघाड़ी के मतदाताओं के नामों को मतदाता सूची से हटाया जा रहा है। इसके पीछे राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने महाविकास आघाडी के नेताओं के साथ एक पत्रकार परिषद में शुक्रवार को यह आरोप लगाए। पटोले ने चुनौती दी कि मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस सीधे लड़ाई लड़ें। इस विषय को लेकर आघाडी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव अधिकारी एस. चोकलिंगम से मिलकर इस पर कार्रवाई की मांग की है।
शिवसेना (उद्धव) के कार्यालय ‘शिवालय’ में पटोले ने आगे कहा कि भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां हार के डर से साजिश रच रही हैं। केंद्रीय चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर काम कर रहा है। यह लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है, सरकार को आयोग के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने के नाम पर, राज्य सरकार ने 50 हजार योजना दूतों की नियुक्ति की है लेकिन नियुक्त दूत भाजपा की विचारधारा वाले हैं। पटोले ने कहा कि पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला की नियुक्ति और उन्हें दिया गया विस्तार असंवैधानिक और अवैध है, हमने चुनाव आयोग से उन्हें हटाए जाने की मांग की थी लेकिन आयोग उनकी बदली नहीं कर सका। वहीं पश्चिम बंगाल में इसी चुनाव आयोग ने वहां के डीजीपी को हटा दिया था। पटोले ने पूछा है कि क्या पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के लिए अलग-अलग कानून हैं?
हर निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में हेरफेर : राकांपा (शरद) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि फॉर्म नंबर 7 को ऑनलाइन भरने की विधि गलत है। इसके माध्यम से, प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से पांच हजार मतदाताओं का हेरफेर किया जा रहा है। जो मतदाता जीवित हैं, उन्होंने मृत दिखाया है। जिस तरह से चुनाव आयोग काम कर रहा है, वह संदिग्ध है। मतदाता सूची का प्रिंट बेहद खराब है, इसमें कई गलतियां हैं। शिवसेना (उद्धव) सांसद अनिल देसाई ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों का घर से मतदान करने के फैसले का हम स्वागत करते हैं, लेकिन चुनाव आयोग के कई ऐसे दिशा निर्देश हैं जिनमें प्राथमिक तौर पर लगता है कि लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी पारदर्शी मतदान कराने की है।
Created On :   18 Oct 2024 7:35 PM IST