रोकथाम: मच्छरों से निपटने मुंबई मनपा ने विदेशी कीटनाशक मंगाया, ट्रायल में रहा कारगर

मच्छरों से निपटने मुंबई मनपा ने विदेशी कीटनाशक मंगाया, ट्रायल में रहा कारगर
  • मुंबई में मलेरिया-डेंगू के मच्छर से रोकथाम करेंगे जापानी केमिकल
  • मनपा ने 4,500 लीटर कीटनाशक किया आयात
  • मच्छर दंश से फैलनेवाली बीमारी नियंत्रण के लिए

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बारिश की दस्तक के साथ ही मुंबई में मानसूनी बीमारी मलेरिया और डेंगू का प्रकोप शुरू हो जाता है। इस बार मुंबई मनपा ने इन बीमारियों को फैलानेवाले मच्छरों की रोकथाम के लिए जापान से विशेष कीटनाशक केमिकल आयात किया है। इस केमिकल के ट्रायल टेस्ट कारगर रहा है। बीते वर्ष मलेरिया के 7 हजार और डेंगू के 5,500 से ज्यादा मरीज मिले थे। इस वर्ष तो सिर्फ 6 महीनों में ही मलेरिया के 2,400 से अधिक और डेंगू के 381 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि मलेरिया और डेंगू बीमारी की रोकथाम के लिए मनपा कीटनाशक विभाग इन बीमारियों के वाहक मच्छरों की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाय योजना शुरू कर देती है। इसी कड़ी में इस बार इन मच्छरों की रोकथाम के लिए मनपा कीटनाशक विभाग ने जापान से केमिकल आयात किया है। साइफेनोथ्रिन नामक केमिकल मनपा ने जापान की सुमिटोमो केमिकल कंपनी से मंगाया किया है।

हर महीने 1800 लीटर का उपयोग

मनपा कीटनाशक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब 4,500 लीटर केमिकल आयात किया गया है जो करीब तीन से चार महीने तक चलेगा। मुंबई में रोजाना 1800 लीटर का इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल बारिश की वजह से फॉगिंग का काम कम किया जाता है। इस केमिकल का ट्रायल बीते सप्ताह किया गया था जो मच्छरों को मारने के लिए काफी कारगर साबित रहा।

मलेरिया-डेंगू का प्रसार रुकेगा

मनपा कीटनाशक विभाग के प्रमुख चेतन चौबल ने कहा कि इस केमिकल के जरिए मलेरिया-डेंगू बीमारी का प्रसार रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मच्छर व्यक्ति का खून चूसने के बाद उसी कमरे में एक जगह पर रुक जाता है क्योंकि खून चूसने की वजह से मच्छरों की शरीर भारी हो जाती है। ऐसे में बंद कमरे में फॉगिंग से यह मच्छर मर जाते हैं। जिससे न ही यह दूसरे व्यक्ति को डंक मार सकेंगे और न ही प्रजनन कर सकेंगे।

एनवीबीडीसीपी ने भी दी है मान्यता

राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) ने भी साइफेनोथ्रिन के उपयोग को मान्यता दी है। शहर में लगातार बढ़ रहे मलेरिया और डेंगू को देखते हुए कार्ययोजनाओं को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है। इस महीने की शुरुआत में डब्ल्यूएचओ और एनवीबीडीसीपी की टीमें मुंबई में थीं। अतिरिक्त महानगरपालिका आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे ने कहा कि वे बारिश के दौरान डेंगू और मलेरिया से निपटने के लिए एक विशेष पद्धति अपनाएंगे, जिसमें सबसे अधिक रोगियों वाले विशिष्ट वार्डों को लक्षित किया जाएगा।

Created On :   27 Jun 2024 9:37 PM IST

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