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बॉम्बे हाईकोर्ट: एमबीबीएस की छात्रा को मिली बड़ी राहत, प्रैक्टिकल परीक्षा दोबारा लेने का आदेश
- 11 जून को सीलबंद लिफाफे में परीक्षा परिणाम पेश करने और के.जे.सोमैया कॉलेज को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश
- प्रोफेसर पर दुर्भावना में छात्रा को ओबीजीवाईएन की प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल करने का आरोप
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट से गुरुवार को के.जे.सोमैया कालेज की एमबीबीएस की छात्रा समृद्धि आंबेकर को बड़ी राहत मिली। अदालत ने नासिक के महाराष्ट्र स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (एमयूएचएस) को छात्रा का स्वतंत्र प्रोफेसर के जरिए एक सप्ताह में प्रैक्टिकल परीक्षा दोबारा लेने और 11 जून को सीलबंद लिफाफे में छात्रा के प्रैक्टिकल परीक्षा परिणाम पेश का आदेश दिया है। साथ ही अदालत ने प्रोफेसर डा.पुंडलिक सोनवणे के छात्रा को दुर्भावना में प्रैक्टिकल परीक्षा फेल करने पर के.जे.सोमैया कॉलेज को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति एन.आर.बोरकर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरसेन की खंडपीठ ने छात्रा समृद्धि आंबेकर की ओर से वकील पूजा थोरात की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि छात्रा की पिछली परीक्षाओं का रिकॉर्ड काफी अच्छा है। ऐसे में वह चौथे साल में आंतरिक प्रैक्टिकल परीक्षा में कैसे फेल हो गई? उसने एमयूएचएस और कॉलेज से शिकायत की और दोबारा प्रैक्टिकल परीक्षा कराने की मांग की थी, तो उस पर विचार करना चाहिए था। एमयूएचएस के वकील ने कहा कि प्रैक्टिकल में फेल होने वाले विद्यार्थियों का दोबारा परीक्षा कराने प्रावधान नहीं है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में एमयूएचएस को छात्रा का दोबारा प्रैक्टिकल परीक्षा लेने का आदेश देते हैं। याचिकाकर्ता की वकील पूजा थोरात ने कहा कि प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ (ओबीजीवाईएन) के प्रोफेसर डा.पुंडलिक सोनवणे ने छात्रा को दुर्भावना में प्रैक्टिकल परीक्षा में कम अंक दिया, जिससे वह प्रैक्टिकल में फेल हो गई। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की दलील स्वीकार करते हुए एमयूएचएस को छात्रा का दोबारा प्रैक्टिकल परीक्षा लेने और सीलबंद लिफाफे में परीक्षा परिणाम 11 जून को पेश करने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने कॉलेज को पूरे मामले में हलफनामा दाखिल जवाब देने का निर्देश दिया है। छात्रा समृद्धि आंबेकर ने 2019 में नीट परीक्षा 90.54 फीसदी अंक से पास कर के.जे.सोमैया कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लिया। वह एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की। इस साल 29 मार्च को उसका चौथे वर्ष की फाइनल परीक्षा का परिणाम आया, तो पता चला कि वह ओबीजीवाईएन के प्रैक्टिकल परीक्षा में फेल है
हाई कोर्ट ने सभी पेड़ों को कंक्रीटीकरण से मुक्त कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने का दिया आदेश
उधर दूसरे मामले में मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के वृक्ष प्राधिकरण ने गुरुवार को देवनार में कांक्रीटीकरण से पांच पेड़ों को मुक्त करने की हाई कोर्ट को जानकारी दी। वृक्ष प्राधिकरण ने कहा कि दूसरे पेड़ों को कंक्रीटीकरण से आजाद करने की कार्रवाई जारी है। अदालत ने प्राधिकरण को सभी पेड़ों को कंक्रीटीकरण से मुक्त कराने और आरोपियों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एन.आर.बोरकर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरसेन की अवकाशकालीन खंडपीठ के समक्ष पर्यावरण कार्यकर्ता इरफान अहम खान की ओर से वकील अल्ताफ खान और वकील शमशेर खान की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने पेड़ों के तने के पास कंक्रीट हटाने के साथ आरोपियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अदालत ने 28 जून तक इस मामले में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
Created On :   30 May 2024 9:26 PM IST