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करेंगे रैली: अशोक चव्हाण के दल बदल से बदलेगी मराठावाड़ा की राजनीति, अब दिखाएंगे ताकत
- जल्द नांदेड में रैली कर पूर्व मुख्यमंत्री दिखाएंगे ताकत
- दल बदल से बदलेगी मराठावाड़ा की राजनीति
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। चव्हाण के भाजपा में आने से मराठवाड़ा में कांग्रेस का सियासी समीकरण बदल गया है। मराठवाड़ा में कांग्रेस के सामने पार्टी को नए सिरे से तैयार करने की नौबत आ गई है। चव्हाण का नांदेड़ समेत मराठवाड़ा संभाग के 8 जिलों में प्रभाव माना जाता है। चव्हाण के भाजपा में जाने के बाद से कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि आगामी चुनावों में पार्टी पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। लेकिन वास्तव में जमीन पर कांग्रेस को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में मराठवाड़ा संभाग की 8 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के लिए खाता खोलने की चुनौती होगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मराठवाड़ा अंचल में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे अशोक चव्हाण को भाजपा के उम्मीदवार प्रतापराव पाटील- चिखलीकर ने 40 हजार 148 वोटों से हराया था। जबकि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मराठवाड़ा की नांदेड़ और हिंगोली सीट पर जीत हासिल की थी। नांदेड़ सीट पर अशोक चव्हाण और हिंगोली सीट पर राजीव सातव जीते थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से फिलहाल मराठवाड़ा की 8 में से भाजपा का 4 सीट, शिवसेना (उद्धव) का 2, शिवसेना (शिंदे) का 1 और एमआईएम का 1 सीट पर कब्जा है। अब पिछले चुनाव के मुकाबले भाजपा साल 2024 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें जीतने का प्रयास करेगी। भाजपा की नजर शिवसेना (उद्धव) और एमआईएम के कब्जे वाली तीन सीटों पर होगी। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने औरंगाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत भी दिए हैं।
कांग्रेस में मराठवाड़ा का कौन करेगा नेतृत्व
मराठवाड़ा संभाग में चव्हाण के कद का नेता अब कांग्रेस के पास नहीं है। लातूर में प्रदेश के पूर्व मंत्री अमित देशमुख ही कांग्रेस का एक चेहरा है। कांग्रेस विधायक अमित पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के बेटे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के पास मराठवाड़ा संभाग में जनाधार वाला कोई नेता नहीं है। विलासराव के निधन के बाद अशोक चव्हाण ही मराठवाड़ा में कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे।
विधानसभा में मराठवाड़ा से कांग्रेस के पास बची 8 सीटें
विधानसभा की मराठवाड़ा संभाग की कुल 46 सीटों में से नांदेड़ की भोकर सीट से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस के पास अब 8 सीटें बची हैं। जिसमें नांदेड़ की 3, लातूर की 2, जालना की 1 और परभणी की 1 सीट का समावेश है। कांग्रेस के नांदेड़ दक्षिण सीट से विधायक मोहनराव हंबर्डे, देगलूर सीट से विधायक जितेश अंतापुरकर और हदगाव सीट से विधायक माधवराव पवार पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण के समर्थक माने जाते हैं। इसलिए लोकसभा चुनाव के बाद चव्हाण समर्थक नांदेड़ के तीनों कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के आसपास नांदेड में भाजपा की बड़ी रैली होने वाली है। जिसमें चव्हाण समर्थक नेता भाजपा में जा सकते हैं।
नांदेड़ मनपा पर कब्जा जमा नहीं पाई है भाजपा
साल 2014 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में साल 2017 में नगर निकाय के चुनाव हुए थे। उस समय भाजपा ने अधिकांश मनपा और जिला परिषदों पर कब्जा जमाया था। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण के गढ़ नांदेड़ में सेंध नहीं लगा पाई थी। साल 2017 में नांदेड़- वाघाला मनपा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी।
साल 2019 के लोस चुनाव में मराठवाड़ा संभाग की स्थिति
दल सीटें
भाजपा - 4
शिवसेना (उद्धव) - 2
शिवसेना (शिंदे) - 1
एमआईएम - 1
कुल - 8
Created On :   13 Feb 2024 9:12 PM IST