मराठा आरक्षण: जरांगे-पाटील की भूख हड़ताल जारी, हालत बिगड़ी-मेडिकल चेकअप से किया साफ इनकार

जरांगे-पाटील की भूख हड़ताल जारी, हालत बिगड़ी-मेडिकल चेकअप से किया साफ इनकार
  • डॉक्टरों से परीक्षण करवाने से जरांगे-पाटील का इनकार
  • 15 फरवरी तक कानून पास नहीं किया तो जो होगा उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं
  • भुजबल ने सामाजिक न्याय विभाग के सचिव को लिखा खत

डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे-पाटील के अनशन के तीसरे दिन उनकी हालत खराब हो गई। खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्होंने डॉक्टरों से अपना स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं कराया। जरांगे-पाटील ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है, उसको अमली जामा पहनाने के लिए 15 तारीख तक विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाकर उसमें कानून पास करना चाहिए।

अगर 15 तारीख तक सरकार ने विशेष सत्र बुलाकर कानून पास नहीं किया तो फिर क्या होगा इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं रहेगी। उधर ओबीसी नेता और राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने सामाजिक न्याय विभाग के सचिव को पत्र लिखकर राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना पर आपत्ति दर्ज करने की समयसीमा 15 दिन बढ़ाने की मांग की है।

जरांगे-पाटील ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार जानती है कि हम मराठा आरक्षण को लेकर चुप नहीं रहने वाले हैं। अगर मराठा आरक्षण लागू नहीं किया तो सरकार को पता चल जाएगा कि महाराष्ट्र में क्या हो रहा है। ऐसी स्थिति में मराठा समाज के लोग मुंबई जाते हैं या कहीं और जाते हैं मैं यह नहीं बता सकता। उधर राज्य सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना पर सरकार ने आपत्तियां मंगाई थी, जिसका समय बढ़ाने की मांग छगन भुजबल ने किया है।

सामाजिक न्याय विभाग के सचिव को पत्र लिखकर इसकी समय सीमा 15 दिनों तक बढ़ाने की मांग की है। भुजबल का कहना है कि इस तरह के मामलों में जानकारी गांव तक पहुंचने में समय लगता है। जिसके चलते इस अधिसूचना के संबंध में आपत्तियां दर्ज करने के लिए कम से कम 15 दिन का और समय दिया जाना चाहिए।



Created On :   12 Feb 2024 3:52 PM GMT

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