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मराठा आरक्षण: जरांगे ने भूख हड़ताल खत्म की, हाईकोर्ट ने कहा - सरकार मूकदर्शक नहीं रह सकती
- फडणवीस अंतरवाली-सराटी जैसी लाठीचार्ज की घटना दोहराना चाहते थे, लेकिन मैंने बचा लिया
- अगले दो दिनों में चर्चा के बाद आंदोलन की अगली दिशा तय करेंगे
- भड़काऊ बयानों से कानून व्यवस्था को खतरा
डिजिटल डेस्क, मुंबई. मराठा आरक्षण को लेकर पिछले कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे-पाटील ने सोमवार को आखिरकार अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली। जरांगे-पाटील ने कहा कि उन्होंने भले ही अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है, लेकिन मराठा आरक्षण के लिए अनशन जारी रहेगा। राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाते हुए जरांगे-पाटील ने कहा कि फडणवीस अंतरवाली-सराटी जैसी लाठीचार्ज की घटना दोहराना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा होने से बचा लिया है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में चर्चा के बाद आंदोलन की अगली दिशा तय की जाएगी। उधर रविवार को मुंबई में फडणवीस के सरकारी बंगले सागर की ओर निकले जरांगे-पाटील सोमवार सुबह वापस अंतरवाली सराटी लौट गए। सोमवार सुबह जैसे ही जरांगे-पाटील वापस अंतरवाली-सराटी पहुंचे तो पहले उनकी स्वास्थ्य जांच की गई। इसके बाद उन्होंने कहा कि अब मैं तय करूंगा कि इलाज के लिए कहां जाना है। उन्होंने कहा कि मैं झुकूंगा नहीं। जरांगे ने फडणवीस पर एक बार फिर निशाना साधा है। जरांगे-पाटील ने कहा कि पुराने मामले अभी वापस नहीं हुए हैं और सरकार ने सगे-संबंधियों को आरक्षण देना भी शुरू नहीं किया है।
भड़काऊ बयानों से कानून व्यवस्था को खतरा
उधर राज्य सरकार में मंत्री शंभूराज देसाई ने जरांगे-पाटील पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके भड़काऊ बयानों से राज्य की कानून व्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है। जरांगे-पाटील हर दिन अपना अलग-अलग रूप बदल रहे हैं। उनकी नई-नई मांगों से संदेह पैदा हो रहा है कि उनके पीछे कोई है जो उन्हें उकसा रहा है। उन्होंने कहा कि जरांगे-पाटील ने जिस तरह से गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाए हैं, वह पूरी तरह से राजनीतिक हैं।
जालना की अंबड तहसील में कर्फ्यू
जरांगे-पाटील के बदले तेवरों के बीच राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जालना जिले की अंबड तहसील में कर्फ्यू लगा दिया गया। इसके साथ तीन जिलों जालना, छत्रपति संभाजीनगर और बीड में इंटरनेट सेवा भी सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक निलंबित कर दी गई और जिले की सीमाओं को भी सील कर दिया है। गृह विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों को देखते हुए ये कदम उठाए हैं। बीड में बगैर इजाजत आंदोलन करने के मामले में तीन मामले भी पुलिस ने दर्ज किए हैं।
राज्य सरकार मूकदर्शक नहीं रह सकती- हाई कोर्ट
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे विरोध के बीच राज्य सरकार मूकदर्शक नहीं रह सकती है। सरकार के पास राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की शक्तियां हैं। अदालत ने सरकार से मनोज जरांगे-पाटिल पर लगे आरोपों पर रिपोर्ट मांगी है। 5 मार्च को मामले में अगली सुनवाई होगी। हाई कोर्ट में जरांगे-पाटिल के विरोध-प्रदर्शन के खिलाफ गुणरत्न सदावर्ते द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता सदावर्ते ने पीठ को बताया कि महाराष्ट्र में कई जगहों पर आंदोलन हिंसक हो गया है। इसके बाद राज्य में 267 केस दर्ज किए गए हैं।
Created On :   26 Feb 2024 9:56 PM IST