बॉम्बे हाईकोर्ट: के.सी.बोकाडिया की फिल्म तीसरी बेगम में जय श्री राम का विवाद कोर्ट पहुंचा

के.सी.बोकाडिया की फिल्म तीसरी बेगम में जय श्री राम का विवाद कोर्ट पहुंचा
  • केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म के 14 सीन पर चलाई कैंची
  • 5 मार्च को मामले की सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म निर्माता-निर्देशक के.सी.बोकाडिया की फिल्म ‘तीसरी बेगम’विवादों में फंस गई है। फिल्म में मुस्लिम हीरो के अत्याचार से परेशान दो हिंदू पत्नियों के शरण मांगते व्यक्ति के ‘जय श्री राम’ कहने पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की आपत्ति को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म ‘तीसरी बेगम’ में ‘जय श्री राम’ शब्द का प्रयोग भगवान राम को याद करने के लिए किया गया है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने फिल्म के कई सीन पर कैंची चलाकर पूरी कहानी को ही मारने की कोशिश किया है।

न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पी.पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष बुधवार को फिल्म निर्माता-निर्देशक के.सी.बोकाडिया की ओर से वरिष्ठ वकील अशोक सरोगी और आनंद मिश्रा द्वारा याचिका दायर की गई। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 5 मार्च को रखी है। याचिका में दावा किया गया है कि फिल्म बोकाडिया 50 साल से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री दिग्गज फिल्मी सितारों के साथ फिल्में बनाते आ रहे हैं। उन्होंने ‘प्यार झुकता नहीं’ और ‘तेरी मेहरबानियां’ जैसी फेमस फिल्में बनाई है।

इसी कड़ी में उनकी नई फिल्म ‘तीसरी बेगम’ आ रही है। फिल्म में उन लोगों का पर्दाफाश किया गया है, जो हिंदू युवतियों को बहला-फुसला कर उनसे शादी कर अपने घर ले आते हैं और ये यह भी नहीं बताते हैं कि उनकी पहले भी शादी हो चुकी है। फिल्म ‘तीसरी बेगम’ में भी ऐसी ही एक युवती की कहानी दिखाई गई है, जिसमें मुस्लिम हीरो अपने प्रेम जाल में फांस कर मुस्लिम युवती से तीसरा निकाह करता है और बाद उसे पता चलता है कि जिस शख्स से उसने निकाह किया है, उसने पहले दो हिंदू युवतियों से शादी किया है। उसकी तीसरी बेगम हालात से समझौता करने से इनकार कर देती है और वह परिवार में बगावत की चिनगारी फड़का देती है। उसके अत्याचार से परेशान पहली दो हिंदू पत्नियां भी बगावत कर देती हैं। वह उनके उपर अत्याचार करता है। उसकी हिंदू पत्नियों की मदद करने के लिए एक व्यक्ति फिल्म में एंट्री करता है, जो ‘जय श्रीराम’बोलता है।

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की परीक्षण समिति (एक्जामिनिंग कमेटी) ने फिल्म देखने के बाद इसे सेंसर सर्टिफिकेट देने से यह कहते हुए मना कर दिया कि फिल्म में समाज में यदाकदा घटने वाली घटनाओं को एक परंपरा के रूप में दिखाया गया है। प्रमाणन बोर्ड ने बोकाडिया को 14 दिन का समय इस फिल्म को पुनरीक्षण समिति (रिवीजन कमेटी) के पास ले जाने का निर्देश दिया। समिति फिल्म में 14 स्थानों पर अपनी कैंची चलाई है। फिल्म से ‘जय श्री राम’ हटाने की बात कही गई है।

Created On :   3 April 2024 9:30 PM IST

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