मनी लॉन्ड्रिंग केस: जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की अंतरिम जमानत का विरोध, फैसला सुरक्षित

जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की अंतरिम जमानत का विरोध, फैसला सुरक्षित

    डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की अंतरिम जमानत का विरोध किया। गोयल ने चिकित्सा और मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों कैंसर से पीड़ित हैं। न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकल पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी। गोयल के वकील हरीश साल्वे ने अदालत से मानवीय आधार पर मामले पर विचार करने का आग्रह किया था। जबकि ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने जमानत का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर उनका अस्पताल में भर्ती रहने का समय बढ़ाया जाता है, तो जांच एजेंसी को कोई समस्या नहीं है। वह अपनी पसंद के अस्पताल में और अपनी पसंद के डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं। उनकी पत्नी भी उसी अस्पताल में हैं और उनके मिलने-जुलने और साथ समय बिताने पर कोई रोक-टोक नहीं है। विशेष पीएमएलए अदालत ने फरवरी में गोयल को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें अपनी पसंद के निजी अस्पताल में भर्ती होने और चिकित्सा उपचार लेने की अनुमति दी थी। ईडी ने सितंबर 2023 में गोयल को गिरफ्तार किया था। उन पर केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए 538 करोड़ 62 लाख रुपए के कर्ज में हेराफेरी का आरोप है। नवंबर 2023 में जब ईडी ने मामले में चार्जशीट दाखिल की, तब उनकी पत्नी अनीता गोयल को गिरफ्तार किया गया था।

    हाईकोर्ट ने 6 मई तक फैसला रखा सुरक्षित

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल अंतरिम जमानत का विरोध किया। ईडी ने कहा कि निजी अस्पताल में उनके रहने की अवधि एक महीने के लिए बढ़ाई जा सकती है। गोयल ने चिकित्सा और मानवीय आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह और उनकी पत्नी अनीता गोयल दोनों कैंसर से पीड़ित हैं। न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की एकल पीठ के समक्ष नरेश गोयल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई हुई। गोयल के वकील हरीश साल्वे ने अदालत से मानवीय आधार पर मामले पर विचार करने का आग्रह किया। जबकि ईडी के वकील हितेन वेनेगांवकर ने जमानत का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर उनका अस्पताल में भर्ती रहने का समय बढ़ाया जाता है, तो जांच एजेंसी को कोई समस्या नहीं है। पीठ ने कहा कि जब कोई व्यक्ति बिना रोक-टोक के इलाज कराता है, तो फर्क पड़ता है। इस पर वेनेगांवकर ने कहा कि अभी भी कोई रोक-टोक नहीं है। वह अपनी पसंद के अस्पताल में और अपनी पसंद के डॉक्टरों से इलाज करा रहे हैं। उनकी पत्नी भी उसी अस्पताल में हैं और उनके मिलने-जुलने और साथ समय बिताने पर कोई रोक-टोक नहीं है।

    अदालत उनके अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि चार सप्ताह के लिए बढ़ा सकती है और फिर उनकी स्थिति का आकलन करने के लिए नई चिकित्सा रिपोर्ट मांग सकती है। वकील साल्वे ने कहा कि उनके बिगड़ते शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा गोयल का मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। मनी लॉन्ड्रिंग (पीएमएलए) की धारा 45 वित्तीय अपराध के लिए गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को जमानत देने के मामले में सख्त है, लेकिन बुढ़ापे या कमजोरी के मामलों में जमानत पर विचार किया जा सकता है। पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रखा है।

    विशेष पीएमएलए अदालत ने फरवरी में गोयल को जमानत देने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्हें अपनी पसंद के निजी अस्पताल में भर्ती होने और चिकित्सा उपचार लेने की अनुमति दी थी। ईडी ने सितंबर 2023 में गोयल को इस आरोप में गिरफ्ताक किया था। उन पर केनरा बैंक द्वारा जेट एयरवेज को दिए गए 538 करोड़ 62 लाख रुपए के कर्ज में हेराफेरी का आरोप है। नवंबर 2023 में जब ईडी ने मामले में चार्जशीट दाखिल की, तब उनकी पत्नी अनीता गोयल को गिरफ्तार किया था।

    Created On :   3 May 2024 10:16 PM IST

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