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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: ईडी ने नरेश गोयल को अवैध रूप से किया गिरफ्तार
- बॉम्बे हाईकोर्ट में गोयल के वकील की दलील
- गोयल के हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट में गुरुवार को जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ दायर हैबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान गोयल के वकील अमित नाइक ने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नरेश गोयल को अवैध रूप से गिरफ्तार किया। ईडी नेे गोयल को गिरफ्तार करते हुए दावा किया कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। यह भी पूरी तरह से गलत है। गोयल पर केनरा बैंक द्वारा दिए गए 538 करोड़ 62 लाख रुपए के धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ के समक्ष गुरुवार को नरेश गोयल की ओर से पेश हुए वकील अमित नाइक ने कहा कि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के मामले में 1 सितंबर को 74 वर्षीय नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने 3 मई को सीबीआई की नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनिता और कंपनी के पूर्व कार्यकारी गौरांग आनंद शेट्टी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की। ईडी का यह दावा गलत है कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। जबकि ईडी का जब भी नोटिस याचिकाकर्ता को मिला, उसका उन्होंने जवाब दिया। ईडी का दावा है कि जेट लाइट लिमिटेड (जेएलएल) को दिया गया पैसा बाद में जेट एयरवेज के बही-खातों से हटा दिया गया था। इसके अलावा गोयल परिवार के सदस्यों और उनके आवास पर काम करने वाली घरेलू मदद के लिए 9 करोड़ 46 लाख रुपए का भुगतान किया गया था. ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिसे बड़े पैमाने पर हुई धोखाधड़ी उजागर हुई है।
Created On :   12 Oct 2023 2:36 PM GMT