चुनाव आयोग: गुढीपाडवा पर राशन किट वितरण का जल्द फैसला, चहल और दो अतिरिक्त आयुक्त को हटाने का आदेश

गुढीपाडवा पर राशन किट वितरण का जल्द फैसला, चहल और दो अतिरिक्त आयुक्त को हटाने का आदेश
  • आचार संहिता के कारण गरीबों की राशन किट रुकी
  • राज्य के 1 करोड़ 69 हजार लाभार्थियों को मिलना था
  • चुनाव आयोग ने दिखाई सख्ती, बीएमसी आयुक्त चहल और दो अतिरिक्त आयुक्त को हटाने का आदेश

डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार। प्रदेश सरकार का पात्र लाभार्थी राशन कार्ड धारकों को गुढीपाडवा और डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती के मौके पर राशन किट (आनंदाचा शिधा) वितरित करने का फैसला अधर में फंस सकता है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई है। इस कारण सरकार को अब राशन किट वितरण के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग से अनुमति मांगनी पड़ेगी। इसके लिए राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से इसी सप्ताह में चुनाव आयोग को पत्र भेजा जाएगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि आचार संहिता लागू होने के कारण सीधे लाभार्थी राशन कार्ड धारकों को राशन किट नहीं दिया जा सकता है। इसलिए राशन किट वितरण के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी जाएगी। यदि चुनाव आयोग फिलहाल अनुमति नहीं देगा तो आचार संहिता हटने के बाद राशन किट वितरित की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि वैसे चुनाव आयोग से राशन किट वितरण को अनुमति मिलने की संभावना बहुत कम है क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय चुनाव आयोग ने केजरीवाल सरकार को मंजूरी नहीं दी थी। अधिकारी ने कहा कि बीते 11 मार्च को राज्य मंत्रिमंडल ने 100 रुपए में चार वस्तुओं को अप्रैल में वितरित करने का फैसला लिया था। जिसमें एक-एक किलो रवा, चनादाल, चीनी और एक लीटर सोयाबीन का तेल दिया जाना है। राज्य में अंत्योदय अन्न योजना, प्राथमिकता वाले परिवार, छत्रपति संभाजीनगर व अमरावती विभाग के सभी जिलों और नागपुर विभाग के वर्धा जिले के एपीएल राशन कार्ड धारकों को राशन किट वितरित किया जाना है। अधिकारी के मुताबिक इस योजना के तहत राज्य में 1 करोड़ 69 लाख 24 हजार 637 पात्र राशन कार्ड धारकों को राशन किट दिया जाना है। सरकार ने 550 करोड़ 57 लाख रुपए राशन किट खरीदने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। लेकिन राज्य में पिछले 16 मार्च से आचार संहिता लागू हो गई है। इस कारण राशन किट वितरण को लेकर संशय बना हुआ है।

चुनाव आयोग ने दिखाई सख्ती, बीएमसी आयुक्त चहल और दो अतिरिक्त आयुक्त को हटाने का आदेश

उधर केंद्रीय चुनाव आयोग ने सोमवार को मुंबई मनपा (बीएमसी) आयुक्त इकबाल सिंह चहल और दो अतिरिक्त आयुक्तों-पी. वेलारासू और अश्विनी भिडे को उनके पद से हटाने का आदेश दिया है। उक्त तीनों अधिकारी तीन साल से ज्यादा समय से अपने पदों पर जमे हैं। राज्य चुनाव आयोग ने तीनों अधिकारियों को पद से हटाने के लिए तीन बार महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखा था। इस पर कार्रवाई के बजाय राज्य सरकार ने एस. चोकलिंगम को मुख्य निर्वाचन अधिकारी बना दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त अनूप कुमार ने शनिवार को साफ कहा था कि जिन अधिकारियों का कार्यकाल तीन वर्ष पूरा हो गया है, उन्हें हटाया जाएगा। चुनाव आयोग ने यह आदेश राज्य के मुख्य सचिव के पास भेजा है। मुख्य सचिव कार्यालय से आदेश जारी होने के बाद इन तीनों अधिकारियों को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की 1989 बैच के अधिकारी चहल 8 मई, 2020 को बीएमसी आयुक्त बनाए गए थे। चलह को उस समय मनपा की कमान सौंपी गई थी, जब मुंबई में कोरोना संक्रमण अनियंत्रित हो गया था। कोरोना नियंत्रण में कायमाबी के लिए चहल और उनकी टीम के अधिकारियों को सराहना तो मिली, मगर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक बारे उनसे पूछताछ भी कर चुका है। बीएमसी सदन का कार्यकाली 8 फरवरी, 2022 को खत्म हो चुका है। तब से चहल आयुक्त के साथ मुंबई के प्रशासन की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।

Created On :   19 March 2024 12:05 PM GMT

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