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टीका-टिप्पणी: हार का ठीकरा एक-दूसरे के सिर पर न फोड़े , फडणवीस ने महायुति के नेताओं को दी नसीहत
- देवेंद्र बोले- प्रवक्ताओं को सोच समझकर बोलना चाहिए
- मैंने नितेश राणे को भी समझा दिया है
- विधानसभा में मैदान फतह करेंगे
डिजिटल डेस्क , मुंबई। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि चुनावों में कभी-कभी हार होती है लेकिन इस लोकसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा महायुति के दलों के विधायकों, नेताओं और प्रवक्ताओं को एक-दूसरे के सिर पर नहीं फोड़ना चाहिए। महायुति के सभी दलों के प्रवक्ताओं सहयोगी दलों के खिलाफ सोच समझकर बोलना चाहिए। क्योंकि फिलहाल यह समय एक-दूसरे की गलितयों और खामियों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने का नहीं है। मैंने इस बारे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से बात की है। फडणवीस ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति पूरी ताकत के साथ उतरेगी।
महायुति विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से मैदान फतह करेगी। शनिवार को फडणवीस ने भाजपा के विधानमंडल दल की बैठक को संबोधित किया। दादर स्थित मुंबई भाजपा कार्यालय वंसत स्मृति में आयोजित बैठक में फडणवीस ने कहा कि हमें चुनाव में कई जगहों पर समन्वय की कमी नजर आई। लेकिन यह सार्वजनिक रूप से बोलने की जरूरत नहीं है। महायुति के जिन विधायकों के सीटों पर समन्वय का अभाव दिखा है, मैं उन विधायकों के बारे में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री पवार से चर्चा भी करूंगा। फडणवीस ने महायुति के सभी घटक दलों के प्रवक्ता एक-दूसरे के खिलाफ बोलते हैं। लेकिन प्रवक्ताओं को विचार पूर्वक बोलना चाहिए। मैंने भाजपा विधायक नितेश राणे को भी समझा दिया है। महायुति का हर दल को हार का विश्लेषण अलग-अलग नहीं करना चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि उत्तर-पूर्व मुंबई सीट पर भाजपा को लेकर दो दिनों में अलग-अलग खबरें आई। एक दिन खबर प्रकाशित हुई कि भाजपा उम्मीदवार मिहिर कोटेचा कैसे हारे और किसने काम नहीं किया। दूसरे दिन कोटेचा के खिलाफ खबर आई। इस तरह से एक-दूसरे के खिलाफ खबरें देने से बचाना चाहिए। इससे पार्टी का नुकसान होता है। फडणवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महायुति को 133 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त है। जिसमें भाजपा को 71 सीटों और सहयोगी निर्दलियों की 5 विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली है। यदि विधानसभा चुनाव में महायुति 1.50 प्रतिशत और वोट हासिल कर लेगी तो हमें निश्चित रूप से बड़ी सफलता मिलेगी। लोकसभा चुनाव के परिणाम में महायुति को 17 सीटें मिल पाई है। जबकि महाविकास आघाड़ी को 30 सीटों पर सफलता मिली है। इस चुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है।
उद्धव के प्रति सहानुभूति नहीं थी- फडणवीस : फडणवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रति मतदाताओं की सहानुभूति नहीं थी। यदि उद्धव के प्रति सहानुभूति होती तो शिवसेना (उद्धव) को मुंबई और कोंकण में दिखनी चाहिए थी। लेकिन ठाणे, पालघर, रायगड, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में शिवसेना (उद्धव) को एक भी सीटें नहीं मिली है। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना (उद्धव) को मुंबई में तीन सीटें मराठी भाषियों के वोटों के भरोसे नहीं मिली है। मुंबई में शिवसेना (उद्धव) को मराठी भाषियों ने वोट नहीं दिया है। यदि शिवसेना (उद्धव) को मराठी भाषियों ने वोट दिया होता तो दक्षिण मुंबई सीट के वरली विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (उद्धव) को केवल छह हजार वोटों की बढ़त नहीं मिलती है।
शिवसेना (उद्धव) शिवडी, विक्रोली और भांडुप विधानसभा क्षेत्र में बढ़त हासिल नहीं कर सकी। फडणवीस ने कहा कि मुंबई में शिवसेना (उद्धव) ने किसी विधानसभा क्षेत्र में एक विशिष्ट समाज का इतना ज्यादा वोट हासिल किया है कि उसको जीत मिल गई है। फडणवीस ने कहा कि परभणी सीट पर शिवसेना (उद्धव) के नवनिर्वाचित सांसद संजय जाधव ने कबूल किया है कि उन्हें मराठा और दलित समाज से ज्यादा मुस्लिम समाज का वोट मिला है। फडणवीस ने कहा कि धुलिया सीट के मालेगांव विधानसभा क्षेत्र में 1 लाख 98 हजार वोटिंग हुई है। इसमें कांग्रेस को 1 लाख 94 हजार वोट मिले हैं। जबकि भाजपा को केवल 4 हजार वोट मिला है।
11 सीटों पर 5 प्रतिशत से कम वोटों के अंतर से हारी : फडणवीस ने कहा कि भाजपा राज्य की 11 सीटों पर 5 प्रतिशत से कम वोटों के अंतर से हारी है। उत्तर-पूर्व मुंबई, उत्तर- मध्य मुंबई, भिवंडी, बीड़, धुलिया, अहमदनगर, अमरावती, भंडारा-गोंदिया, नांदेड़, लातूर सीट का समावेश है।
संविधान बदलने का भ्रम : फडणवीस ने कहा कि विपक्ष ने दलित और आदिवासी समाज में संविधान बदलने के बारे में भ्रामक प्रचार किया। संविधान बदलने का मुद्दा गांव-गांव तक पहुंच गया था। लेकिन हम लोग इस मुद्दे के असर को भांप नहीं पाए। इसलिए पहले तीन चरणों की 24 सीटों में महायुति को केवल 4 सीटें मिल पाई हैं। फडणवीस ने कहा कि मराठवाड़ा में मराठा समाज के बीच मराठा आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाया गया। इसमें विपक्ष को थोड़ी कामयाबी मिली है। लेकिन विधानसभा चुनाव में संविधान बदलने और मराठा आरक्षण का मुद्दा नहीं चलेगा।
अंकगणति में हारी महायुति : फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा और महायुति राजनीतिक अंकगणित में हारी है। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी को 43.09 प्रतिशत वोट मिले हैं। जबकि महायुति ने 43.06 प्रतिशत वोट हासिल किए हैं। महायुति को 0.03 प्रतिशत कम वोट मिले हैं। महाविकास आघाड़ी को 2 करोड़ 50 लाख वोट मिले हैं। महायुति को 2 करोड़ 48 लाख मिला है। महाविकास आघाड़ी के मुकाबले महायुति को 2 लाख कम वोट मिले हैं। फडणवीस ने कहा कि मुंबई में महायुति को 26 लाख और महाविकास आघाड़ी को 24 लाख वोट मिले हैं। मुंबई में महायुति को 2 लाख वोट अधिक मिला है। फडणवीस ने कहा कि भाजपा का साल 2019 के मुकाबले इस चुनाव में केवल एक प्रतिशत वोट कम हुआ है।
Created On :   8 Jun 2024 8:23 PM IST