भेदभावपूर्ण नीति: रेलवे की नई खानपान नीति में संशोधन की मांग, कीर्तिकर ने रेल मंत्री को लिखा पत्र

रेलवे की नई खानपान नीति में संशोधन की मांग, कीर्तिकर ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
  • सांसद कीर्तिकर ने रेल मंत्री को लिखा पत्र
  • बड़ी कंपनियों की तरह छोटे लाइसेंस धारकों के लाइसेंसों का भी हो नवीनीकरण
  • खानपान नीति में संशोधन की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. मुंबई उत्तर-पश्चिम से शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर रेलवे की खानपान नीति 2017 में संशोधन कराए जाने की मांग की है। उन्होंने अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन के मेमोरेंडम के हवाले से कहा है कि यह नीति लाखों छोटे लाइसेंसधारकों के लिए भेदभावपूर्ण है। इससे उनका रोजगार प्रभावित हो गया है।

सांसद कीर्तिकर ने कहा कि रेलवे की नई खानपान नीति में बड़ी कंपनियों का एकाधिकार स्थापित करने के लिए छेटो खानपान लाइसेंसियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। नई नीति में बड़ी कंपनियों को अधिक से अधिक 350 (प्रत्येक डिविजन में 5 यूनिट) की अनुमति दी जा रही है। जबकि छोटे और पुराने लाइसेंसधारी विक्रेताओं को केवल 1 ही यूनिट का नवीनीकरण करने की अनुमति है। यह सरासर भेदभाव है और इसके कारण लाखों छोटे विक्रेताओं के रोजीरोटी पर संकट पैदा हो गया है। लिहाजा सरकार से गुजारिश है कि बड़ी कंपनियों को जिस तरह अधिक संख्या में लाइसेंस नवीनीकरण की अनुमति दी गई है वैसे ही समान आधार पर छोटे लाइसेंसियों के मौजूदा इकाइयों को भी मिलना चाहिए।

पत्र में आग्रह किया गया है कि अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा छोटे विक्रेताओं की मांगों को लेकर 21 दिसंबर को रेलवे बोर्ड को सौंपे ज्ञापन पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाए और उनके तथा परिवारजनों के सामने निर्माण हुए आर्थिक संकट से बचाया जाए।

Created On :   25 Dec 2023 3:59 PM GMT

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