पहल: एआई बताएगा खराब सामान या सेवा के लिए कैसे लड़ें कानूनी लड़ाई

एआई बताएगा खराब सामान या सेवा के लिए कैसे लड़ें कानूनी लड़ाई
  • आईआईटी बांम्बे और मेटा ने मिलाया हाथ
  • उपभोक्ता मामले विभाग और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भी करेंगे मदद

दुष्यंत मिश्र, मुंबई । उत्पाद और सेवाएं लेने के बाद यदि उसकी गुणवत्ता में कोई कमी रहती है तो उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं। ज्यादातर मामलों में उन्हें संबंधित कंपनियों से कोई मदद नहीं मिलती ऐसे में वे समझ नहीं पाते कि आगे क्या कदम उठाएं। सलाह के लिए लोग वकीलों के पास भी नहीं जाना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि पहले ही पैसा फंस गया फिर वकील की फीस भी कौन खर्च करे। उपभोक्ताओं की इसी परेशानी का हल निकालने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बांम्बे और मेटा (फेसबुक) ने मिलकर काम करने का फैसला किया है।

आईआईटी बांम्बे और मेटा इसमें नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) और केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की भी मदद लेंगी। इसके तहत उपभोक्ताओं के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एक चैट बॉट तैयार किया जाएगा। इससे उपभोक्ता पूछ सकते हैं अगर उन्होंने कोई उत्पाद खरीदा और उसमें कमी है और सामान बेचने वाली दुकान और बनाने वाली कंपनी से कोई मदद नहीं मिल रही है तो आगे क्या कदम उठाना चाहिये। चैट बॉट को उपभोक्ता बताएंगे कि उन्होंने अब तक क्या कदम उठाया है, जिसके बाद चैट बॉट उन्हें यह बताएगा कि आगे क्या कदम उठाने चाहिए। परियोजना की अगुआई कर रहे और सीएसई विभाग के प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य ने कहा कि हम उपभोक्ता केंद्रित चैट बॉट बनाना चाहते हैं, जो उपभोक्ता कानून के मुताबिक उन्हें सलाह दे सके।

जो कानूनी रूप से सही सलाह में वही : यह चैट बॉट सिर्फ वही जवाब देगा जो कानून सम्मत होगा। चैट बॉट बताएगा किस ट्रिब्यूनल में जाकर केस फाइल किया जा सकता है। इसके लिए कौन से कागजात की जरूरत होगी, कौन से फॉर्म भरने होंगे, फॉर्म का टेंपलेट भी उपभोक्ताओं को मुहैया करा दिया जाएगा। उसे भरने में भी एआई टूल मदद कर देगा। प्रोफेसर भट्टाचार्य ने बताया कि इसके लिए बीटा लांच छह महीने में हो जाएगा, जबकि एक साल में इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। आपराधिक और दीवानी मामलों में सलाह के लिए भी चैट बॉट तैयार किया जा सकता है।

हम सुनिश्चित करेंगे कि मॉडल में डाली गई सामग्री प्रासंगिक, विश्वसनीय और उपयोगकर्ताओं के अनुकूल हो, हम मेटा, आईआईटी बांम्बे और उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हैं। यह देश में कानूनी सुधारों की दिशा में एक अहम कदम है। प्रोफेसर सुधीर कृष्णस्वामी, कुलपति, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी

मेटा एक दशक से अधिक समय से एआई का इस्तेमाल कर अनुसंधान, ओपन साइंस, शैक्षणिक संस्थाओं और उद्योगों के साथ भागीदारी की दिशा में काम कर रहा है। हम तकनीक विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं जो लोगों के लिए ज्यादा मददगार साबित हो साथ ही इससे संबंधित क्षेत्र में भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं। जोएल कपलान, उपाध्यक्ष (वैश्विक नीति), मेटा

Created On :   2 Dec 2023 7:27 PM IST

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