कोल्हापुर के चक्कर में कांग्रेस के हाथ से निकल गई सांगली की सीट, भड़के थे उद्धव

कोल्हापुर के चक्कर में कांग्रेस के हाथ से निकल गई सांगली की सीट, भड़के थे उद्धव
  • सीट बंटवारे की बैठक थी
  • बैठक में भड़क गए थे उद्धव ठाकरे
  • महा विकास आघाडी के बड़े नेताओं की बैठक हुई थी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा| महाविकास आघाडी में सीटों का बंटवारा हो गया है। हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) में अभी भी अनबन चल रही है। सांगली, भिवंडी और उत्तर-मध्य मुंबई सीट को लेकर कांग्रेस में नाराजगी के सुर देखने को मिल रहे हैं। दरअसल, महाविकास आघाडी में अनबन की शुरुआत कोल्हापुर की सीट को लेकर हुई थी। प्रदेश कांग्रेस के नेता कोल्हापुर की सीट को अपने सहयोगी दलों शरद गुट और उद्धव गुट को छोड़ना नहीं चाहते थे। यही कारण रहा कि उद्धव ठाकरे ने सांगली की सीट को कांग्रेस के बड़े नेताओं के दबाव के बावजूद छोड़ने से इनकार कर दिया। इसका नतीजा यह रहा कि कोल्हापुर सीट के चक्कर में कांग्रेस की परंपरागत सांगली की सीट हाथ से निकल गई।

एक वरिष्ठ नेता ने "दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि कुछ दिनों पहले महा विकास आघाडी के बड़े नेताओं की एक बैठक हुई थी। उस बैठक में राकांपा (शरद) अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले समेत कांग्रेस के कई नेता भी मौजूद थे। बैठक में कांग्रेस के नेताओं ने कोल्हापुर की सीट पर चुनाव लड़ने की बात कही। कांग्रेस के नेताओं ने जब बैठक में बार-बार कोल्हापुर की सीट का मुद्दा उठाया, तो उद्धव ठाकरे इन कांग्रेसी नेताओं पर भड़क गए। ठाकरे ने बैठक में कहा कि अगर आप एक सीट को लेकर इतने बेचैन हैं, तो फिर सीट बंटवारे में आगे मुझसे किसी ढिलाई की उम्मीद मत करना। यही कारण रहा कि ठाकरे ने कांग्रेस की सांगली सीट पर की गई दावेदारी को नहीं माना। यहां तक कि ठाकरे ने सांगली सीट पर उम्मीदवार की घोषणा आघाडी में सीट बंटवारे से पहले ही कर दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सतेज पाटील का कहना है कि महा विकास आघाडी में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस ने पहले ही कोल्हापुर की सीट शाहू महाराज के लिए मांगी थी। इसके लिए गठबंधन के दोनों दलों के नेताओं ने कोई ऐतराज भी नहीं जताया था, लेकिन जब सांगली सीट का विषय आया तो शिवसेना (उद्धव) इस सीट को छोड़ने को तैयार नहीं दिखे। पाटील का कहना है कि सांगली की सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है, इसलिए हमने इस सीट पर चुनाव लड़ने पर ज्यादा जोर दिया था, अब आपसी सहमति के बाद हमने सांगली की सीट को उद्धव गुट के लिए छोड़ दिया है।


Created On :   13 April 2024 1:31 PM GMT

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