पहल:: मध्य रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए बनाया है फ्लेक्जिबल टाइमटेबल

मध्य रेलवे ने अपने कर्मचारियों के लिए बनाया है फ्लेक्जिबल टाइमटेबल
  • लोकल में भीड़भाड़ कम करने के लिए मध्य रेलवे के डीआरएम ने लिखा था खत
  • कर्मचारियों को हादसे से बचाने के लिए 6 संस्थान कामकाज का समय बदलने को तैयार, कई और कर रहे विचार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकल ट्रेनों में सुबह-शाम होनेवाली भीड़ के बीच कई बार यात्री गिर जाते हैं। चलती ट्रेन से गिरने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों की जान चली जाती है। ऐसे हादसे रोकने के लिए मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) ने इसी साल नवंबर में 350 से ज्यादा सरकारी और निजी संस्थानों को पत्र लिख कार्यालयीन समय में बदलाव का सुझाव दिया था। इसे अच्छा समर्थन मिला है। सरकारी और निजी मिला कर छह संस्थान कामकाज के समय में बदलाव का मन बना चुके हैं। इन संस्थानों ने पत्र लिख डीआरएम को यह जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार कई और संस्थान डीआरएम के सुझाव पर विचार कर रहे हैं। खुद मध्य रेलवे ने अपने कुछ विभागों के लिए फ्लेक्जिबल टाइमटेबल लागू किया है।

मकसद हादसों पर अंकुश लगाना : मध्य रेलवे के डीआरएम रजनीश गोयल ने कहा कि लोकल गाड़ियां मुंबई की लाइफलाइन हैं। लोकल में भीड़भाड के चलते कई बार अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं। इस पहल का दोहरा मकसद है। पहला तो यही कि कामकाज के समय में बदलाव से लोकल में भीड़ कम होगी। दूसरी बात यह कि भीड़ कम होने पर ट्रेन से यात्री नहीं गिरेंगे और हादसे कम होंगे। डीआरएम दफ्तर से शुरुआत

गोयल ने बताया कि इसकी शुरुआत मध्य रेलवे ने खुद की है। निर्धारित वर्कशेड्यूल में हमने बदलाव किया है। कर्मचारियों के लिए नया टाइमटेबल (फ्लेक्जिबल) बनाया है। पहली शिफ्ट सुबह 09:30 से 17:45 बजे और दूसरी शिफ्ट सुबह 11:30 से शाम 19:45 बजे रखी गई है। कर्मचारी इनमें से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं।

इन संस्थानों से मिला सकारात्मक जवाब : जिन छह संस्थानों से रेलवे को सकारात्मक जवाब मिले हैं उनमें पोस्टल डिपार्टमेंट-पोस्ट मास्टर जनरल मुंबई, ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज, बजाज इलेक्ट्रिक, आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बीएआरसी) शामिल हैं।

9 साल में 3,427 लोगों की जान गई : लोकल में की वजह से कई बार यात्री चलती ट्रेन से गिर जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार बीते नौ साल में ट्रेन से गिरने की वजह से 3,427 लोगों की जान गई है। इस साल सितंबर तक इस तरह के हादसे में 288 यात्रियों की मौत हुई है।

बीते 8 साल में ट्रेन से गिरने की वजह से मौत

साल -कितने लोगों की जान गई

2022 - 510

202 1 - 189

2020 - 134

2019 - 426

2018 - 134

2017 - 407

2016 - 446

2015 - 545

मध्य रेलवे की फ्लेक्जिबल वर्क शेड्यूल पहल को अच्छा समर्थन मिल रहा है। ये पहल कंपनी कर्मचारियों के हित में है। हमें उम्मीद है कि बाकी कंपनियां-संस्थान अपने कार्यालयीन टाइमटेबल में बदलाव करेंगी। -डॉ.शिवराज मानसपुरे, सीपीआरओ, मध्य रेलवे

Created On :   9 Dec 2023 12:56 PM IST

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