- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- जीतने के बाद उम्मीदवार पार्टी नहीं...
ठाकरे का भरोसा: जीतने के बाद उम्मीदवार पार्टी नहीं बदलेंगे, जनता के बीच प्रत्याशियों को दिलाएंगे कसम
- जब बालासाहेब ने मुसलमानों से खतरे की आशंका को खारिज किया था
- भाजपा के हिंदुत्व की तरह शिवसेना का हिंदुत्व नहीं
- मुस्लिम बुद्धिजीवियों को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दिया भरोसा
डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान | लोकसभा चुनाव में अन्य समाज के मतों के साथ ही शिवसेना (उद्धव) की मुस्लिम मतों पर नजर बनी हुई है। इसके लिए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे स्वयं मुस्लिम बुद्धिजीवी वर्गों से मिल रहे हैं। शिवसेना भवन के बाद गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने अपने निवास मातोश्री पर मुसलमानों के एक प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों को भरोसा दिलाया कि चुनाव जीतने के बाद उनके उम्मीदवार दल नहीं बदलेंगे। इसके लिए वे जनता के बीच अपने प्रत्याशियों को कसम दिलाएंगे। यह भरोसा उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के उस डर को दूर करने के लिए दिलाया, जिसमें चुनाव जीतने के बाद पार्टी के उम्मीदवार को भाजपा में चले जाने पर आशंका जताई गई थी। बदलते समय के साथ ही शिवसेना (उद्धव) की विचारधाराओं में बदलाव देखा जा रहा है। इसका अंदाजा पार्टी के पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके नेताओं का इन दिनों मुसलमानों के साथ हो रहे ज्यादा मेल-मिलाप से लगाया जा सकता है। शिवसेना भवन में मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मिलने के कुछ दिन बाद ही गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने जोगेश्वरी और वर्सोवा के लगभग 60 मुसलमानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मातोश्री पर मुलाकात की। इस बैठक में विचारों का दिलचस्प आदान-प्रदान हुआ।
जब बालासाहेब ने मुसलमानों से खतरे की आशंका को खारिज किया था
बैठक में उद्धव ठाकरे ने उनसे मिलने आए मुसलमानों को 1997 की उन बातों को याद दिलाया, जब शिवसेना सत्ता में थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता बाल ठाकरे ने 1997 में अपने घर के ठीक पीछे सुन्नी इज्तेमा आयोजित करने की अनुमति दी थी। उद्धव ठाकरे ने इस बात पर भी रोशनी डाली कि उस समय खुफिया ब्यूरो ने ऐतिहासिक दुश्मनी को देखते हुए यह इज्तेमा उनके लिए खतरनाक होने की आशंका जताई थी, लेकिन बाल ठाकरे ने खुफिया ब्यूरो की इस आशंकाओं को खारिज कर दिया था।
भाजपा के हिंदुत्व की तरह शिवसेना का हिंदुत्व नहीं
प्रतिनिधि मंडल में से एक मंसूर दरवेश ने बताया कि बातचीत के दौरान उद्धव ठाकरे ने मुसलमानों को विश्वास दिलाते हुए शिवसेना के हिंदुत्व की परिभाषा भी स्पष्ट की। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हिंदू हैं, लेकिन उनका हिंदुत्व भाजपा की तरह नहीं है। उन्होंने कहा कि हम इंसानियत (मानवता) में विश्वास करते हैं और सभी को साथ लेकर चलते हैं।
Created On :   21 April 2024 6:56 PM IST