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बॉम्बे हाईकोर्ट: 12 वर्षीय किशोरी को जेजे अस्पताल में गर्भपात की मिली इजाज, अदालत में सौंपी जांच रिपोर्ट
- जेजे अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने अदालत में सौंपी जांच रिपोर्ट
- नाबालिग भाई के यौन उत्पीड़न का शिकार हुई थी किशोरी
- 25 सप्ताह की किशोरी गर्भवती
डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने 12 वर्षीय किशोरी को जे.जे.अस्पताल गर्भपात कराने की इजाजत दे दी है। सोमवार को जे.जे.अस्पताल ने अदलत में किशोरी की जांच रिपोर्ट पेश की। किशोरी अपने 14 वर्षीय बड़े भाई के यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है। उसकी मां ने याचिका दायर कर 12 वर्षीय बेटी के गर्भपात कराने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति संदीप वी.मर्ने और न्यायमूर्ति डा.नीला केदार गोखले की हालीडे खंडपीठ के समक्ष सोमवार को किशोरी की मां की ओर से वकील अशले कुशेर की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान जे.जे.अस्पताल के मेडिकल बोर्ड की ओर से किशोरी की जांच रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें उसके स्वस्थ होने की जानकारी दी गई। खंडपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर 25 सप्ताह की गर्भवती किशोरी के गर्भपात की इजाजत दे दी। अदालत की अनुमति के बिना गर्भपात की कानूनी सीमा 24 सप्ताह है।
याचिकाकर्ता जब घर पर नहीं थी, तो उसका बेटा अपनी छोटी बहन के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया था। याचिकाकर्ता की बेटी ने 2 मई को पेट में दर्द की शिकायत की। वह उसे स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसकी बेटी के गर्भवती होने की बात कही। मां ने अपने बेटे के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने उसे उसी दिन बाल सुधार गृह भेज दिया। लड़की को अगले दिन पालघर के बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया, जिसमें से बचाव गृह भेज दिया था। 4 मई को जे.जे.अस्पताल में उसके परीक्षण से पता चला कि वह 24 सप्ताह और 5 दिन की गर्भवती है। इसके बाद किशोरी की मां ने उसके गर्भपात के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
Created On :   13 May 2024 9:48 PM IST