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जबलपुर: पीएससी 2019 की विशेष परीक्षा बिना नियम नॉर्मलाइजेशन कर क्यों कराई
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
सुप्रीम कोर्ट ने मप्र लोक सेवा आयोग से पूछा है कि जब नियम ही नहीं है तो नॉर्मलाइजेशन कर पीएससी परीक्षा 2019 की विशेष परीक्षा क्यों कराई गई। जस्टिस सीटी रविकुमार तथा जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने मप्र लोक सेवा आयोग को इस मामले में शपथ पत्र पर जवाब पेश करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को होगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा 2019 की संवैधानिकता को ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन के विधिक सहयोग से सुप्रीम कोर्ट में जबलपुर हाईकोर्ट के एकलपीठ और डिवीजन बैंच के आदेशों को चुनौती दी गई थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के मामले में निर्देश दिए थे कि पहली मुख्य परीक्षा और बाद में हुई स्पेशल मुख्य परीक्षा के परिणामों को मिलाकर उनका नॉर्मलाइजेशन करने के बाद रिजल्ट जारी करें। दीपेन्द्र यादव की ओर से मंगलवार को सुको में सुनवाई के दौरान बताया गया कि लोक सेवा आयोग ने मनमाने रूप से बिना किसी नियम के आरक्षित वर्ग की पृथक से विशेष मुख्य परीक्षा आयोजित कर ली है। दलील दी गई कि इस संबंध में मप्र हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश तथा रिट अपील में पारित आदेश चुनौती देने योग्य हैं। उक्त दोनों आदेशों में विधायिका द्वारा बनाए कानून को नजरअंदाज किया गया है। तर्क दिया गया कि राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 में नॉर्मलाइजेशन करने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि आरक्षित वर्ग के छात्रों की विशेष परीक्षा आयोजित कराई जाती है तो यह संविधान के अनुच्छेद 14 के प्रतिकूल है।
Created On :   11 Oct 2023 10:18 AM GMT