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जबलपुर: स्मार्ट सिटी योजना के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे पर्यटक
- अनदेखी का शिकार हुआ गुलौआताल हर तरफ गंदगी, बंद पड़ा वॉटर कूलर
- मेंटेनेंस न होने के कारण ज्यादातर पटिए उखड़ चुके हैं, जिससे लोेगों को भारी असुविधा उठानी पड़ती है।
- लोगों के साथ यहाँ के कर्मचारियों को भी पीने का पानी बाहर से लाना पड़ता है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के कई गार्डनों को लाखों रुपए से विकसित किया गया था। इनमें से एक गढ़ा का गुलौआताल भी है। जहाँ तालाब के चारों तरफ वॉकिंग ट्रैक, बच्चों के खेलने के लिए झूले, ओपन जिम के साथ पर्यटकों से जुड़ी हर सुविधा को विकसित किया गया था।
लेकिन रखरखाव में बरती गई लापरवाही के कारण गुलौआताल की खूबसूरती दुर्गती में बदल चुकी है। झूले, कुर्सी और ओपन जिम के कई उपकरण क्षतिग्रस्त होकर कबाड़ बन चुके हैं। नियमित सफाई न होने के कारण यहाँ हर तरफ गंदगी का साम्राज्य बना हुआ है। सबसे खास बात यह है कि यहाँ भ्रमण के लिए पहुँचने वाले पर्यटकों से 10 रुपए फीस वसूली जाती है।
लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं रहता। स्कूलों की छुट्टियाँ होने के कारण पार्क खुलने से बंद होने तक बच्चे और महिलाओं का यहाँ आना-जाना लगा रहता है। लेकिन इस भीषण गर्मी में यहाँ का वॉटर कूलर बंद पड़ा है, जिसके कारण लोगों के साथ यहाँ के कर्मचारियों को भी पीने का पानी बाहर से लाना पड़ता है।
स्मार्ट बेंच के पटिए उखड़े
गुलौआताल में चारों तरफ स्मार्ट बेंच बनाई गई हैं। जहाँ बैठकर लोग तालाब के बीच चलने वाले फाउंटेन के साथ यहाँ की सुंदरता का लुत्फ उठा सकेें। लेकिन मेंटेनेंस न होने के कारण ज्यादातर पटिए उखड़ चुके हैं, जिससे लोेगों को भारी असुविधा उठानी पड़ती है।
तालाब से आती है दुर्गंध
यही हाल तालाब का है, जिसमें नियमित सफाई न होने के कारण पानी से तीखी दुर्गंध आती है, जिसके कारण लोगों का यहाँ घूमना मुश्किल होता है। शाम होने के बाद यहाँ शराबियों का भी जमावड़ा लग जाता है और महिलाओं से छेड़छाड़ भी होती है।
Created On :   17 May 2024 2:02 PM IST