जबलपुर: भारत का तीसरा और प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर होगा, जहाँ विराजेंगी अष्टसखी

भारत का तीसरा और प्रदेश का पहला ऐसा मंदिर होगा, जहाँ विराजेंगी अष्टसखी
  • 5 एकड़ में किया जा रहा इस्कॉन मंदिर का निर्माण
  • राधा-रानी और आठ सखियों के साथ विराजेंगे भगवान श्रीकृष्ण
  • जबलपुर में इस्काॅन मंदिर के निर्माण से न केवल आध्यात्मिक विकास होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लम्हेटाघाट रोड स्थित चौकीताल में इस्कॉन मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण, राधा-रानी के साथ आठ सखियाँ विराजमान होंगी।

अष्टसखी वाला यह मंदिर भारत का तीसरा मंदिर होगा। वहीं मध्यप्रदेश का यह पहला मंदिर होगा, जिसमें अष्टसखी विराजेंगी। इस मंदिर के निर्माण से न केवल अध्यात्म क्षेत्र विकसित होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी।

अदिति पुत्र दास प्रभुजी ने बताया कि 5 एकड़ में मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक इसका निर्माण पूरा हो जाएगा। इसकी नींव वर्ष 2018 में रखी गई थी। अभी तक 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

मंदिर के साथ अन्य प्रकल्पों का निर्माण भी किया जा रहा है। जिनमें अतिथि निवास, आध्यात्मिक लाइब्रेरी, भक्तिकला क्षेत्र तथा मेगा किचन शामिल हैं।

पाकिस्तान और चीन में इस्कॉन मंदिर

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) की स्थापना 1966 में श्री श्रीमद् एसी भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद ने की थी। पूरे विश्व में करीब 1000 इस्कॉन मंदिर हैं। इनमें से भारत में ही 300 से ज्यादा मंदिर हैं।

आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि पाकिस्तान और चीन जैसे देशों में भी इस्काॅन मंदिर हैं। जबलपुर में इस्काॅन मंदिर के निर्माण से न केवल आध्यात्मिक विकास होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

विदेशों से सैलानियों का जबलपुर आगमन होगा। इससे भेड़ाघाट और आसपास की हस्तकला की पहचान विश्व पटल पर होगी। जबलपुर विश्व मैप में स्थापित होगा।

300 लोगों को करा रहे प्रतिदिन भोजन

इस्कॉन मंदिर जबलपुर, द्वारा प्रतिदिन 300 लोगों को भोजन कराया जा रहा है। मंदिर में भोजन निर्माण के बाद वैन से भोजन मेडिकल अस्पताल पहुँचाया जाता है। जिसे मरीजों और परिजनों को बाँटा जाता है।

वहीं मंदिर में रविवार को विशेष आयोजन होता है, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग भंडारा और कीर्तन में शामिल होते हैं।

गौशाला और गुरुकुल भी

मंदिर में अभी 30 गायों की गौशाला है, जिसे बढ़ाकर 100 करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके अलवा मंदिर में गुरुकुल निर्माण की योजना भी है। वर्तमान में इस्कॉन द्वारा पूरे विश्व में 300 से ज्यादा गुरुकुल संचालित किए जा रहे हैं। भारत में इनकी संख्या 50 से अधिक है। वहीं पूरे विश्व में संस्था द्वारा 600 से अधिक गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है।

80 जी के तहत लें छूट का लाभ

इस्कॉन के चेयरमैन डॉ. कैलाश गुप्ता ने इस्कॉन मंदिर की ओर से अपील की है कि मंदिर निर्माण के कार्य में निर्माण सामग्री जैसे ईंट, गिट्टी, रेत, मार्बल, भगवान की सेवा के उपयोग में आने वाली वस्तुएँ (सिंहासन, छत्र) या फिर दान राशि द्वारा सहयोग कर सकते हैं, जिसमें आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत छूट का लाभ भी लिया जा सकता है।

Created On :   6 Feb 2024 10:14 AM GMT

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