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जबलपुर: उज्जैन जाने के लिए सबसे ज्यादा डिमांड वाली नर्मदा एक्सप्रेस के पहिए 8 दिन के लिए थमे
- जबलपुर सहित आसपास के जिलों के यात्रियों की मुसीबत बढ़ी, सड़क मार्ग से महँगा पड़ेगा सफर
- दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल में निर्माण कार्य कराया जाना बताया जा रहा है।
- यह ट्रेन लोगों की सबसे ज्यादा पसंदीदा ट्रेनों में शामिल है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। महाकौशल से श्रद्धालुओं का एक बड़ा वर्ग महाकाल के दर्शन करने उज्जैन जाने के लिए सबसे आसान रेल का सफर चुनता है। इसमें भी लोगों की सबसे ज्यादा डिमांड वाली ट्रेन नर्मदा एक्सप्रेस है जो रात के वक्त जबलपुर से रवाना होती है और सुबह-सुबह लोगों को उज्जैन पहुँचा देती है।
दिन भर में महाकाल के दर्शन और फिर घूमने के बाद अगर कोई उसी दिन वापस लौटना चाहे तो शाम के वक्त इसी ट्रेन से वह वापस भी लौट सकता है। रात भर के सुकून भरे सफर के चलते ही यह ट्रेन लोगों की सबसे ज्यादा पसंदीदा ट्रेनों में शामिल है, मगर रेलवे प्रशासन के तुगलकी निर्णय के चलते 12 जून से 19 जून तक यानी अगले आठ दिनों के लिए नर्मदा एक्सप्रेस के पहिए थम जाएँगे।
इसका कारण दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल में निर्माण कार्य कराया जाना बताया जा रहा है। इस कार्य के चलते यह ट्रेन बिलासपुर से ही रवाना नहीं होगी और न ही इंदौर से ही इसका सफर हो सकेगा। लोगों में इस बात को लेकर असंतोष व आक्रोश देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि नर्मदा एक्सप्रेस से न केवल जबलपुर, बल्कि शहडोल, उमरिया, कटनी, सिहोरा, श्रीधाम, नरसिंहपुर, गाडरवारा, पिपरिया, इटारसी सहित अन्य स्टेशनाें से हजारों की संख्या में यात्री भोपाल, उज्जैन और इंदौर जाने से वंचित हो जाएँगे।
जबलपुर से ही करीब पाँच सौ लोगों का रोजाना सफर
रेलवे सूत्रों की मानें तो जबलपुर से करीब पाँच सौ यात्री रोजाना नर्मदा एक्सप्रेस से भोपाल, उज्जैन और इंदौर का सफर करते हैं। अब एक सप्ताह के लिए नर्मदा एक्सप्रेस निरस्त होने से यह सफर थम जाएगा जबकि उज्जैन जाने के लिए एक अन्य ट्रेन सोमनाथ एक्सप्रेस भी है मगर यह जबलपुर से दोपहर दो बजे रवाना होकर रात 11.30 बजे उज्जैन पहुँचाती है।
देर रात उज्जैन पहुँचने के कारण लोग इसे ज्यादा पसंद नहीं करते हैं। नर्मदा एक्सप्रेस इसलिए ज्यादा पसंदीदा है क्योंकि यह ट्रेन रात 8.50 बजे जबलपुर से रवाना होकर सुबह 8.35 बजे उज्जैन पहुँचा देती है, जिससे लोग दिन भर में आराम से अपना काम निपटा लेते हैं।
कटनी से इंदौर के बीच चलाई जा सकती है ये ट्रेन
इस ट्रेन को पूर्णत: निरस्त करने की बजाय आंशिक रूप से निरस्त कर कटनी से इंदौर के बीच चलाया जा सकता है। लोगों का कहना है कि पिछले दिनों 1 व 2 जून को मुंबई स्टेशन पर निर्माण कार्य के चलते गरीब रथ ट्रेन को पूरी तरह से निरस्त करने का निर्णय लिया गया था, मगर पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय द्वारा जनहित में निर्णय लेते हुए इसे जबलपुर से पनवेल तक चलाया गया था।
इसी प्रकार अगर बिलासपुर के रेल अधिकारियों से चर्चा की जाती तो बिलासपुर के बाद शहडोल या फिर कटनी से नर्मदा एक्सप्रेस काे आगे के लिए चलाया जा सकता है।
Created On :   12 Jun 2024 6:08 PM IST