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जबलपुर: सिंगल कनेक्शन सप्लाई मामला, उपभोक्ता पर पड़ सकता है सेवा शुल्क का भार
- नियामक आयोग के पास इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड में बदलाव का प्रस्ताव
- आज जनसुनवाई, काॅलोनी के नाम पर होगा कनेक्शन यहीं से होगी बिजली आपूर्ति
- उपभोक्ताओं के घरों में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा जिनसे बिल के अलावा सेवा शुल्क भी वसूल किया जाएगा
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मप्र विद्युत नियामक आयोग के पास सिंगल कनेक्शन के जरिए सोसायटियों एवं कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन दिए जाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव के माध्यम से उपभोक्ताओं से बिजली बिल में सेवा शुल्क वसूला जा सकता है।
जानकारी के अनुसार बिजली कंपनी काॅलोनी और सोसायटी में अलग-अलग उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने की बजाय एक डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से बिजली की आपूर्ति करना चाह रही है।
सोसायटी या काॅलोनी के नाम एक कनेक्शन होगा जिसकी वसूली बिजली कंपनी एक कनेक्शन के जरिए करेगी। सिंगल कनेक्शन से क्षेत्र में रहने वाले उपभोक्ताओं के घरों में बिजली कनेक्शन दिया जाएगा जिनसे बिल के अलावा सेवा शुल्क भी वसूल किया जाएगा।
नए नियम लागू करने से पूर्व बिजली कंपनी इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड में बदलाव करना चाह रही है। इसके लिए मप्र विद्युत नियामक आयोग में प्रस्ताव गया है, जिस पर 16 अप्रैल को जनसुनवाई बुलाई गई है। आयोग ने ऑनलाइन यह जनसुनवाई बुलाई है। इस मामले में कई अपत्तियाँ लगी हुई हैं।
दायित्व से मुँह मोड़ रही बिजली कंपनी
आपत्तिकर्ता राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि बिजली कंपनी इस बदलाव से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ाने का प्रयास कर रही है। उपभोक्ता के प्रति कंपनी के दायित्व होते हैं जिनसे बिजली कंपनी मुँह मोड़ रही है।
वहीं नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डाॅ. पीजी नाजपांडे ने कहा कि यह संशोधन जनहित में नहीं है। इसके लागू होने से काॅलोनी और सोसायटी में रहने वाले उपभोक्ताओं के बीच विवाद की स्थिति बनेगी।
आर्थिक बोझ उपभोक्ता पर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में जनसुनवाई के दौरान अपत्ति की जाएगी। बता दें कि इस बदलाव से बिजली कंपनी को आसानी होगी लेकिन उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा।
आपूर्ति के साथ बिजली बिल भी वसूलेगी समिति
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड में हुए इस बदलाव पर आम जनता से 12 अप्रैल तक आपत्तियाँ बुलाई थीं, अब 16 अप्रैल की जनसुनवाई के बाद आयोग अंतिम निर्णय लेगा।
राज्य विद्युत नियामक आयोग इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कोड में हुए बदलाव पर आई आपत्तियों पर सुनवाई के बाद 16 अप्रैल की जनसुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाएगा। जानकारी के मुताबिक समिति बिजली आपूर्ति का जिम्मा सँभालेगी।
यह घरों से मीटर की रीडिंग और बिल की वसूली का काम भी देखेगी। घर-फ्लैट को बिजली आपूर्ति करने के साथ बिजली टैरिफ मप्र विद्युत नियामक आयोग तय करेगा। इस नई व्यवस्था से जहाँ बिजली कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा वहीं व्यवस्था पर कंपनी की लागत कम होगी, पर सोसायटी अतिरिक्त चार्ज वसूलेगी और आम लोगों की जेबें खाली होंगी।
Created On :   16 April 2024 6:38 PM IST