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जबलपुर: रेत का खनन मंडला में और बरेला में हो रहा भंडारण
- रेत खनन कंपनियों के गठजोड़ की पहली तस्वीर
- करीब 24 करोड़ रुपये माइनिंग कॉर्पोरेशन के पास जमा
- ‘वंशिका’ मंडला में 31 जनवरी तक के लिए मिले ग्रेस पीरियड पर काम कर रही
डिजिटल डेस्क,जबलपुर/मंडला। पहला चित्र (इनसेट) मंडला के उदयपुर से जबलपुर के बरेला के बीच का है। जहां एक लाइन से रेत से ओवर लोड डंपर खड़े हैं। दूसरा चित्र बरेला के शारदा मंदिर पहाड़ी के नीचे मनेरी रोड स्थित रिछाई का है।
यहां हरे-भरे पहाड़ों के नीचे रेत का पहाड़ खड़ा किया जा रहा है। मनेरी-निवास रोड पर बाबा ढाबा से थोड़ी दूर पर 2.700 हेक्टेयर क्षेत्र में जिस रेत का भंडारण किया जा रहा है, वह मंडला से लाई जा रही है।
ऐसा नहीं कि जबलपुर में रेत की कोई कमी है। संयोग है तो सिर्फ इतना कि मंडला की 26 रेत खदानों के समूह का ठेका वंशिका कंस्ट्रक्शन के पास है जबकि जबलपुर जिले की रेत खदानों का ठेका ‘वंशिका’ की सिस्टर कंसर्न शर्मा एसोसिएट्स के पास है। बावजूद इसके दोनों जिलों के ठेकों में काफी अंतर है। शर्मा एसोसिएट्स जबलपुर का ठेका कंटीन्यू रखे है जबकि वंशिका कंस्ट्रक्शन अपना मंडला का ठेका सरेंडर करने बीती 31 अक्टूबर को आवेदन दे चुका है।
इस समय ‘वंशिका’ मंडला में 31 जनवरी तक के लिए मिले ग्रेस पीरियड पर काम कर रही है और उसकी भरसक कोशिश यह है कि वह 31 जनवरी के पहले तक जितनी ज्यादा संभव हो रेत मंडला जिले की बंजर, सुरपन, कन्हार, बुडनेर व हालोन नदी से निकाल ले।
उसकी इसी कोशिश के चलते रोज रेत से ओवरलोड करीब 350 डंपर, हाइवा व ट्रक मंडला के बम्हनी, महाराजपुर, भावल, टिकरिया, कुडामेली, कालपी, बीजाडांडी तथा उदयपुर होते हुए बरेला बायपास से निकलते हुए रिछाई पहुंच रहे हैं।
यहां शारदा मंदिर की हरी-भरी पहाड़ी के ठीक नीचे आरएसआई स्टोन वर्ल्ड के भंडारण स्थल पर रेत डंप की जा रही है। ‘वंशिका’ को मंडला जिले के खैरी में भी भंडारण की अनुमति मिली हुई है लेकिन वह प्रतिदिन उत्खनित की जा रही करीब एक हजार डंपर रेत का एक बड़ा हिस्सा बरेला में भंडारित कर रही है। एक हिस्सा हाथों-हाथ बालाघाट व सिवनी जिले सहित अन्य स्थानों के खरीददारों तक पहुंच रहा है।
सबसे छोटा तीसरा हिस्सा मंडला में स्टॉक किया जा रहा है। यह पूरा चक्र केवल इसलिए चलाया जा रहा है ताकि मंडला का खनिज महकमा स्टॉक रेत का भौतिक सत्यापन जब करे तो उसे केवल उतनी ही रेत मिले जितनी की एडवांस रायल्टी राशि करीब 24 करोड़ रुपये माइनिंग कॉर्पोरेशन के पास जमा है।
बात पहले भी उठी लेकिन हाथ झाड़ लिए
पंद्रह दिन पहले भी यह बात उठी थी। यह आशंका भी जताई गई थी कि मंडला में ‘वंशिका’ द्वारा खनिज निगम के पास जमा राशि से अधिक रेत का खनन किया जा रहा है। खरगा (सतबहनी), बरबसपुर, इंद्री, मुगदरा, काताजर, हिरदेनगर व बहेरी की खदानों से निकाली जा रही रेत डब्ल्यूआरपी यानि विदाउट रायल्टी पर्ची पर जिले के बाहर जबलपुर केे बरेला में पहुँचा कर भंडारित की जा रही है।
खदानों में स्वीकृत रकबे से बाहर जा कर रेत का खनन करने की शिकायतें भी खनिज विभाग तक पहुँचीं, लेकिन जिला खनिज अधिकारी (मंडला) राहुल शांडिल्य ने बरेला के मामले में यह कहते हुए हाथ झाड़ लिए कि यह जिले से बाहर का मामला है।
जबकि वे चाहते तो बरेला से महज 15 किलोमीटर पहले पड़ने वाले मंडला जिले के उदयपुर में सघन चैकिंग अभियान चला कर अंदर के सच को बाहर ला सकते थे। इसी तरह से श्री शांडिल्य ने रेत खदानों के निरीक्षण व भौतिक सत्यापन की बात भी यह कहते हुए टाल दी कि अवधि समाप्त होने के अंतिम दिनों में यह काम किया जाएगा।
इनका कहना है
ऐसा नहीं है कि खनिज महकमा रेत के मामले में जांच नहीं करता, उसके द्वारा सतत कार्यवाही की जा रही है। इस नये मामले की भी जाँच कराई जाएगी। भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा। जहाँ भी कुछ नियम विरुद्ध पाया जाएगा, कार्यवाही की जाएगी।
- सलोनी सिडाना, कलेक्टर (मंडला)
आरएसआई स्टोन वर्ल्ड को नियमानुसार रेत के भंडारण की अनुमति दी गई है। जबलपुर की रेत ठेका कंपनी शर्मा एसोसिएट्स ने खुद इसके लिए सहमति पत्र दिया है। वहां भंडारित रेत का भौतिक सत्यापन तथा रायल्टी दस्तावेजों का परीक्षण भी जल्द कराया जाएगा।
- दीपा वारेवार, खनिज निरीक्षक, बरेला
Created On :   20 Jan 2024 2:38 PM IST