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जबलपुर: पाॅल्यूशन कंट्रोल करने सड़क किनारे वाटिका बनाईं, अब उन्हीं पर हो रहे कब्जे, अधिकारी मौन
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
शहर की सड़कों पर किनारे के हिस्से में पेवर ब्लॉक लगाये जा रहे हैं, इसी के साथ छोटे-छोटे गार्डन या वाटिका को डेवलप किया जा रहा है। ये वर्क 123 करोड़ की लागत से पाॅल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए किये जा रहे हैं, लेकिन इन कार्यों को अनदेखी की वजह से ठिकाने लगा दिया जा रहा है। पेवर ब्लॉक घालमेल घटिया क्वाॅलिटी की भेंट चढ़ रहे हैं तो जो वाटिका किनारे बनाई जा रहीं, वे भी इस तरह से बनाई जा रही हैं कि उन पर आसानी से कब्जे होने लगे हैं। इसमें बानगी के तौर पर दमोहनाका से कृषि उपज मंडी दीनदयाल चौक की सीमा तक अलग-अलग हिस्सों में बनी इन वाटिका में कई तो अतिक्रमण के चलते बनने के दौरान ही चौपट हो गईं। चंडाल भाटा के सामने दो हिस्से की वाटिका को यदि छोड़ दिया जाए तो शेष में फेंसिंग बस लगी और इनके अंदर गुमटी, ठेले और अन्य तरह से अतिक्रमण कर लिये गये। कृषि उपज मंडी के सामने तार वाली फेंसिंग के अंदर ठेले और गुमटियों का कब्जा है। लोगों ने फेंसिंग को तोड़कर पूरी योजना को फेल करते हुये अतिक्रमण कर लिये हैं।
ऐसे नहीं होगा पाॅल्यूशन कंट्रोल
लोगों का कहना है कि केन्द्र सरकार नीति आयोग की सिफारिश पर जो सवा सौ करोड़ रुपए पाॅल्यूशन कंट्रोल करने के लिए दे रही है, यदि उन्हीं वर्क को नगर निगम क्वाॅलिटी के साथ नहीं कर पा रहा या अनदेखी निर्माण के दौरान हो रही है तो प्रदूषण किसी तरह से नियंत्रित नहीं हो सकता है। इस तरह के वर्क से बजट जरूर ठिकाने लगा दिया जाएगा।
इंदौर में ग्रिल, यहाँ मामूली जाली
इसी योजना के तहत इंदौर की सड़कों पर छोटी-छोटी वाटिका बनाई गईं, उनमें गार्डनिंग करने के साथ व्यवस्थित ग्रिल लगाईं, ताकि ये सालों तक सुरक्षित रहें, पर जबलपुर में मामूली जाली लगाई जा रही हैं। कृषि उपज मंडी क्षेत्र के व्यापारियों का कहना है कि जो अलग-अलग वाटिका बनाने हिस्से को घेरने जाली लगीं, वे इस क्वाॅलिटी की हैं कि उनको आसानी से तोड़ लिया जा रहा है। किसी तरह से वाटिका का जो सही तरीका है, वह अपनाया ही नहीं जा रहा है। न तो पेवर ब्लॉक में क्वाॅलिटी का ध्यान है और न ही किसी तरह की गुणवत्ता है।
Created On :   13 Nov 2023 4:48 PM IST