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जनसुनवाई: शिक्षा का अधिकार अधिनियम का बन रहा मजाक
- लापरवाह अधिकारियों पर गिरेगी गाज, कलेक्टर ने दिए आदेश, कॉरिडाेर में गर्मी से झुलस रही जनता
- जनसुनवाई में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने कम से कम 5 अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
- जिला शिक्षा अधिकारी ने भी जाँच के नाम पर लीपापोती की।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी आरटीई के नाम पर इन दिनों कई स्कूलों में जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। कई ऐसे लोगों को पास की मार्कशीट दे दी गई है, जो कभी स्कूल गए ही नहीं या फिर जो इस अधिनियम के दायरे में आते ही नहीं थे।
ऐसे ही एक मामले की शिकायत कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई में की गई। इस पर जाँच के आदेश दिए गए हैं। वहीं जनसुनवाई में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने कम से कम 5 अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
ये अधिकारी जनसुनवाई से गायब रह रहे और प्रकरणों की संख्या बढ़ती चली गई। वहीं कॉरिडोर में टेबल लगाकर बैठाने का आदेश भी भारी पड़ रहा है। यहाँ न पंखे हैं और न ही कूलर जिससे लोग भारी परेशान हुए। समाजसेवी गुरविंदर सिंह चड्डा और उनके साथ पहुँचे लोगों ने स्कूल नर्मदा रोड स्थित एक स्कूल की शिकायत की।
उन्होंने बताया कि स्कूल ने जिला शिक्षा अधिकारी के संरक्षण में शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत बिना पूर्व किसी कक्षा में पढ़ी एक छात्रा को शिक्षण सत्र 2014-15 में कक्षा आठवीं में पास घोषित कर अंकसूची भी प्रदान कर दी।
उक्त छात्रा उस वक्त 17 साल की थी जिससे वह आरटीई के दायरे से बाहर थी। मामले की शिकायत की गई तो जिला शिक्षा अधिकारी ने भी जाँच के नाम पर लीपापोती की। ऐसे ही अन्य मामले भी हैं जिन पर जाँच होनी चाहिए।
जेल में पहुँच रहा गाँजा, दारू और स्मैक
अधारताल कटरा निवासी मुकेश रजक ने जनसुनवाई में शिकायत दर्ज कराई है कि जेल में एनएसए के तहत बंद कुछ अपराधी गाँजा, दारू और स्मैक बेचने का कार्य कर रहे हैं।
जनसुनवाई से गायब थे अधिकारी
मंगलवार की दोपहर जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना जब सुनवाई के लिए सभाकक्ष पहुँचे, तो वहाँ का नजारा ही अलग था। अधिकारी थे नहीं, शिकायत करने वाले गर्मी से हलाकान थे।
Created On :   26 Jun 2024 3:24 PM IST