- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, 2016 में...
Jabalpur News: स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, 2016 में स्वीकृत 84 करोड़ से अभी तक कौन से उपकरण खरीदे
- हाई कोर्ट ने सरकार व कैंसर संस्थान को अतिरिक्त हलफनामा पेश करने कहा
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित प्रदेश का इकलौता स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट है।
- मशीनों के अभाव में संस्थान का उचित रूप से संचालन नहीं हो पा रहा है।
Jabalpur News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन से पूछा है कि स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट जबलपुर के कैंसर वार्ड के 2016 में स्वीकृत 84 करोड़ रुपए से अभी तक कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए। दरअसल, कोर्ट ने राज्य शासन के जवाब पर असंतोष जाहिर किया। कोर्ट ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि 8 वर्ष पूर्व राशि स्वीकृत होने के बावजूद अभी तक संस्थान में उपकरण क्यों नहीं खरीदे गए। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद नियत की है।
जबलपुर निवासी अधिवक्ता विकास महावर ने याचिका दायर कर बताया कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित प्रदेश का इकलौता स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट है। याचिका में बताया गया कि करीब आठ साल पहले कैंसर इंस्टीट्यूट की सौगात मिली थी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने 135 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। इसमें से करीब 50 करोड़ रुपए में इंस्टीट्यूट का भवन तैयार किया गया है।
याचिका में बताया गया कि मशीनों के अभाव में संस्थान का उचित रूप से संचालन नहीं हो पा रहा है। मरीजों को रेडिएशन थैरेपी का लाभ नहीं मिल रहा है। ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं। याचिका में बताया गया कि मशीनों के लिए राज्य सरकार के पास करीब 84 करोड़ पड़े हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं किया जा रहा है। इस कारण कैंसर के गंभीर मरीजों को बड़े शहरों में जाकर महँगा इलाज कराना पड़ रहा है।
बनाया जा रहा सेंट्रल लैब
याचिका में बताया गया कि इंस्टीट्यूट में सेंट्रल लैब बनाने के लिए एक वार्ड चिन्हित किया गया है। इंस्टीट्यूट में 2 पुरुष और 2 महिला वार्ड हैं, जिनमें हमेशा ही मरीज भर्ती रहते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि वार्ड में भर्ती मरीजों को शिफ्ट भी किया जा रहा है। हालाँकि शासन की ओर से कहा गया कि मरीजों को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है।
Created On :   30 Jan 2025 7:16 PM IST