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Jabalpur News: पीएम करने वाले कर्मचारियाें के पास न कोई डिग्री न डिप्लोमा
- वजह देश में इसके लिए कोई कोर्स ही नहीं
- मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में दाे कर्मचारी पीएम से जुड़ा कार्य कर रहे हैं।
- मेडिकल कॉलेज के अलावा जिले में 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीएम की सुविधा है।
Jabalpur News: आपको यह जानकार हैरानी होगी कि पोस्टमार्टम जैसा महत्वपूर्ण और जटिल कार्य करने वाले कर्मचारियों के पास न कोई डिग्री होती है, न कोई डिप्लोमा और न ही कोई सर्टिफिकेट। वर्षों से क्लास-4 कैटेगरी के कर्मचारी इस कार्य को कर रहे हैं। खास बात यह है कि देश में कोई भी यूनिवर्सिटी इससे जुड़ा कोई भी कोर्स नहीं कराती है, इसके बाद भी यह कार्य वर्षों से हो रहा है।
ज्यादातर मामलों में पीएम करने वाले कर्मचारी अपने सीनियर कर्मचारी को देखकर यह कार्य सीखते हैं, वहीं मेडिकल कॉलेजों में फॉरेंसिक विभाग के चिकित्सक ट्रेनिंग देकर कर्मचारी को निपुण करते हैं। जबकि एक्सरे टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, ऑप्टोमेट्रिस्ट जैसी कई विधाओं में आज पढ़ाई होती है। जॉब के अवसर भी मिलते हैं। जानकारों का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों के फाॅरेंसिक डिपार्टमेंट में पीएम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर ही तैयार किया जाता है, ऐसे में कुछ माह के सर्टिफिकेट अथवा डिप्लोमा कोर्स में बदला जा सकता है।
एक कर्मचारी से सीखते हैं दूसरे कर्मचारी-
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के अलावा जिले में 7 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीएम की सुविधा है। चिकित्सक की मौजूदगी में क्लास-4 कर्मचारी यह कार्य कर रहे हैं। कार्य करते हुए ही दूसरे कर्मचारी भी यह कार्य सीखते हैं, यह प्रक्रिया चलन में है। कोई रेगुलर पोस्ट इसके लिए नहीं है। मेडिकल यूनिवर्सिटी इससे जुड़ा कोई कोर्स चाहे तो शुरू कर सकती है।
कोई फॉर्मल ट्रेनिंग ही, शुरू कर सकते हैं कोर्स-
एनएससीबी मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक श्रीवास्तव कहते हैं पीएम करने वाले कर्मचारियों की फॉर्मल ट्रेनिंग के लिए कोई डिग्री-डिप्लोमा जैसा कोर्स नहीं है, जबकि अन्य विधाओं में टेक्नीशियन होते हैं। जबलपुर में हम इन कर्मचारियों को विभागीय स्तर पर ट्रेनिंग देते हैं। इसी ट्रेनिंग को 3 माह अथवा 6 माह के सर्टिफिकेट कोर्स अथवा डिप्लोमा कोर्स का रूप दिया जा सकता है।
कर्मचारी बोले, कोर्स शुरू होगा तो अच्छा-
मेडिकल कॉलेज में वर्तमान में दाे कर्मचारी पीएम से जुड़ा कार्य कर रहे हैं। 59 वर्षीय जमुना प्रसाद और 56 वर्षीय शिवचरण। दोनों ही फॉरेंसिक विभाग में वर्ष 1984 से पदस्थ हैं। जमुना जहां इसी वर्ष सेवानिवृत्त हो जाएंगे, वहीं शिवचरण को सेवानिवृत्त हाेने में समय है। जमुना कहते हैं कि यह कार्य चिकित्सकों से सीखा है। इसे करते हुए अब 40 वर्ष हो गए हैं। हमारे जाने के बाद नए लोग यहां आएं, इसके लिए अगर कोई कोर्स हो सकता है तो अच्छा होगा।
वर्तमान फॉरेंसिक डिपार्टमेंट में पीएम करने वाले कर्मचारियों के लिए किसी तरह का काेर्स नहीं है। विभागीय स्तर पर ही प्रशिक्षण दिया जाता है। कोर्स शुरू करने जुड़ा सुझाव अच्छा है। अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो विचार करेंगे। कोर्स शुरू किया जा सकता है।
-डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल, रजिस्ट्रार, मप्र मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी
Created On :   3 March 2025 7:55 PM IST