Jabalpur News: अस्पताल का "मर्ज' दूर करने में 2 साल गुजरे, अभी 2 माह और इंतजार

अस्पताल का मर्ज दूर करने में 2 साल गुजरे, अभी 2 माह और इंतजार
  • सिविल अस्पताल रांझी: 50 बेड के अस्पताल पर निर्भर लाखों की आबादी
  • आज भी रेफर हो रहे सर्जरी और हृदय रोग से जुड़े मामले
  • धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य के कारण अब तक भवन का कार्य पूरा नहीं हो सका है।

Jabalpur News: शहर के उपनगरीय क्षेत्र रांझी-खमरिया में रहने वाली लाखों की आबादी आज भी 50 बेड के अस्पताल पर निर्भर है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 2 वर्ष पूर्व अस्पताल की क्षमता 50 बेड से बढ़ाकर 100 बेड करने के लिए नए भवन का निर्माण शुरू हुआ था। धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य के कारण अब तक भवन का कार्य पूरा नहीं हो सका है। अधिकारियों की मानें तो निर्माण एजेंसी जून में भवन का कार्य पूरा करने का दावा कर रही है।

इसके बाद उपकरण समेत अन्य संसाधन आने में भी समय लगेगा। पूर्व में यह कार्य दिसंबर 2024 तक खत्म करने की बात की जा रही थी, लेकिन कार्य की सुस्त गति मरीजों का इंतजार बढ़ा रही है। बता दें कि अस्पताल में रोजाना करीब 300 मरीज उपचार के लिए आते हैं, जिनमें से सर्जरी समेत दुर्घटना में घायल गंभीर मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।

मरीजों का इंतजार बढ़ा रहा स्लो एक्सटेंशन वर्क

सिविल अस्पताल रांझी के नए भवन के निर्माण के साथ आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं अस्पताल में बढ़ेंगी, जिससे मरीजों की निर्भरता जिला अस्पताल और एल्गिन अस्पताल पर घटेगी।

अस्पताल के 4 मंजिला भवन में 2 अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर होंगे, वहीं इमरजेंसी वार्ड में भी माइनर ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा नई ओपीडी, वार्ड, पैथोलॉजी लैब समेत अन्य संसाधन भी बढ़ेंगे।

अस्पताल के नए भवन का निर्माण राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसमें 50 बेड बढ़ेंगे, वहीं पुराने भवन काे प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के रूप में डेवलप किया जाएगा।

प्रबंधन के अनुसार नए भवन के बाद अस्पताल की क्षमता 100 बिस्तरों की हो जाएगी, जो सही मायनों में सिविल अस्पताल के लिए जरूरी है।

रोगियों को आधुनिकतम पैथोलॉजी जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 50 लाख रुपए की लागत से पैथोलॉजी कॉम्प्लेक्स का निर्माण एमपी हाउसिंग बोर्ड द्वारा किया जा रहा है।

मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीढ़ी, रैंप के साथ ही 3 लिफ्ट का प्रावधान किया गया है।

रोजाना 8 से 10 मरीज हो रहे रेफर

जानकारी के अनुसार अस्पताल में वर्तमान में न तो सर्जन हैं और न ही कोई एमडी मेडिसिन डॉक्टर, जिसके चलते कई मरीजों को विक्टोरिया अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। विशेष रूप से एक्सीडेंट में घायल मरीज, कार्डियक समस्याओं के साथ आए मरीज इनमें शामिल हैं।

24 करोड़ का भवन कुल लागत 44 करोड़

भवन का निर्माण कार्य 24 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा। भवन निर्माण पूर्ण होने के उपरांत सर्वसुविधाओं के संचालन के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान है, जिसके बाद भवन की कुल लागत 44 करोड़ रुपए है। भवन का निर्माण कार्य मध्य प्रदेश भवन विकास निगम भोपाल के द्वारा किया जा रहा है। इसका निर्माण दिसंबर 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह डेडलाइन निकल चुकी है।

मुझे हाल ही में अस्पताल का प्रभार मिला है। जहां तक जानकारी है कि जून माह में भवन का कार्य पूरा हो जाएगा। उसके बाद उपकरण आएंगे।

डॉ. कमलेश धुर्वे, प्रभारी, रांझी अस्पताल

Created On :   18 April 2025 1:00 PM IST

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