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Jabalpur News: रादुविवि में 4 साल में 8 की जगह हुए 4 सेमेस्टर, भगवान भरोसे कृषि के छात्र

- छात्र ने सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई शिकायत
- छात्रों से सालाना लगभग 58 हजार रुपये की भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है।
- छात्र और अभिभावकों की मांग है कि इस गंभीर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर विश्वविद्यालय प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए।
Jabalpur News: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में शैक्षणिक व्यवस्थाएं इतनी लचर हो गई हैं कि विद्यार्थियों को सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें करनी पड़ रही हैं। विवि के कृषि विभाग के एक छात्र ने परेशान होकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो अव्यवस्थाओं की पोल खुल गई। कृषि विभाग में व्याप्त लापरवाही, शिक्षकीय उदासीनता और संसाधनों के अभाव से जूझते छात्रों की पीड़ा का दर्दनाक सच सामने आ गया।
छात्र ने शिकायत के तहत सीएम हेल्पलाइन पर एक विस्तृत शिकायत दर्ज की। शिकायत में लिखा है कि वर्ष 2021 में बीएससी एग्रीकल्चर पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के बावजूद, आज 2025 आ जाने के बाद भी केवल चार सेमेस्टर ही पूरे हो पाए हैं, बल्कि चार वर्षीय पाठ्यक्रम के अंतर्गत यह कोर्स अभी तक पूर्ण हो जाना चाहिए था। यानी जिस कोर्स की अवधि चार वर्ष है, वह अनिश्चितकालीन प्रतीत हो रही है। छात्र और अभिभावकों की मांग है कि इस गंभीर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर विश्वविद्यालय प्रशासन की जवाबदेही तय की जाए।
संसाधनों की है कमी
इससे भी गंभीर बात यह है कि इस विभाग में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मानकों के अनुरूप कोई भी व्यवस्था मौजूद नहीं है। छात्र का आरोप है कि शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति, कम्प्यूटर लैब, प्रायोगिक प्रयोगशालाओं की अनुपलब्धता, लाइब्रेरी में विषय संबंधी पुस्तकों का नितांत अभाव जैसी समस्याओं ने शिक्षण कार्य को लगभग ठप कर दिया है। इसके बावजूद छात्रों से सालाना लगभग 58 हजार रुपये की भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है।
छात्रों की समस्याओं को लेकर विवि प्रशासन गम्भीर है, जो भी परेशानियां हैं उनका शीघ्र समाधान किया जाएगा।
-प्रो. राजेंद्र सिंह बघेल, कुलसचिव रादुविवि
विवि प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
छात्र ने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं संचालित नहीं होतीं, जिससे उनका शैक्षणिक आधार डगमगाता जा रहा है और इसके मानसिक दुष्प्रभाव भी गहराते जा रहे हैं। प्रशासन को बार-बार अवगत कराने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया, जिससे तंग आकर शिकायत को राज्य स्तर तक पहुंचाना पड़ा।
अभी कुछ दिनों पूर्व ही मामला संज्ञान में आया था कि इस विभाग में बिना छात्रों से परीक्षा फॉर्म भरवाए और प्रवेश पत्र के उन्हें परीक्षा में सम्मिलित कर लिया गया, परंतु इस गंभीर विषय में भी प्रशासन ने कोई कार्यवाही करना उचित नहीं समझा। बायोमेट्रिक उपस्थिति भी दर्ज नहीं कराई जाती है।
Created On :   21 April 2025 1:32 PM IST