Jabalpur News: मैपिंग से आसान होगी ट्रांसको की हाई टेंशन लाइन की फाॅल्ट रिपेयरिंग

  • दुर्गम क्षेत्रों में सुधार कार्य में समय की होगी बचत
  • ट्रांसमिशन कंपनी के सभी एलिमेंट्स का डिजिटलाइजेशन होने से व्यवस्थित रिकाॅर्ड रखने में आसानी रहेगी।
  • फिलहाल प्रदेश की 27 हजार 9 सौ किमी लाइनों एवं 416 सब-स्टेशनों पर एसेट मैपिंग का कार्य किया जा रहा है।

Jabalpur News: मध्य प्रदेश पाॅवर ट्रांसमिशन कंपनी (ट्रांसको) द्वारा कराए जा रहे एसेट मैपिंग के जरिए दुर्गम क्षेत्रों में सुधार कार्य को बहुत कम समय में किया जा सकेगा। इससे ट्रांसमिशन सिस्टम का डिजिटल डाटा तुरंत मिल सकेगा। इसके कारण ट्रांसको की लाइनों में सुधार कार्य करना सरल हो जाएगा। इसके साथ ही किसी भी इमरजेंसी के समय मटेरियल मैनेजमेंट टाइम और फाल्ट को न्यूनतम करने में सहायता मिलेगी।

मुख्य अभियंता आरके मिश्रा के अनुसार फिलहाल प्रदेश की 27 हजार 9 सौ किमी लाइनों एवं 416 सब-स्टेशनों पर एसेट मैपिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डेशबोर्ड के निर्माण का कार्य भी करना है। इसके लिए अलग-अलग मॉड्यूल में जानकारी एकत्रित की जा रही है। काम पूरा हो जाने के बाद ट्रांसमिशन कंपनी के लाइन मेंटेनेंस कर्मचारियों और सब-स्टेशन प्रभारी के मोबाइल एप पर सभी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। इससे फाल्ट का न्यूनतम समय में सुधार किया जा सकेगा।

प्रोजेक्ट में खर्च होंगे 15 करोेड़ रुपए

इस प्रोजेक्ट में 15 करोड़ खर्च किए जाएंगे। ट्रांसमिशन सिस्टम की मैपिंग सर्वे ऑफ इंडिया के मैप को आधार बनाकर की जा रही है, जिससे डेटा की सटीक प्रामाणिकता रहेगी। जीपीएस प्रणाली के उन्नत संस्करण सैटेलाइट आधारित डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (डीजीपीएस) के उपयोग से 1 सेंटीमीटर से 1 मीटर तक के स्थान में सटीकता से मैपिंग हो रही है।

डिजिटलाइजेशन से व्यवस्थित होगा रिकाॅर्ड

ट्रांसमिशन कंपनी के सभी एलिमेंट्स का डिजिटलाइजेशन होने से व्यवस्थित रिकाॅर्ड रखने में आसानी रहेगी। साथ ही मोबाइल एप पर भी जानकारी रहेगी। इस मैपिंग में ट्रांसमिशन कंपनी की भूमि का भी रिकाॅर्ड उपलब्ध रहेगा। डेशबोर्ड पर जानकारी उपलब्ध रहेगी।

Created On :   21 April 2025 1:00 PM IST

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