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Jabalpur News: पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड के आधार पर होगा जमानत अर्जी पर निर्णय

- एक मई से होगा बदलाव, हाई कोर्ट ने जारी किया नया प्रारूप
- जमानत आवेदन के साथ मुजरिम काे आपराधिक रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से बताना होगा।
- अभी जमानत के मामलों में सरकार मुजरिम का आपराधिक रिकॉर्ड देती थी, पर अब मुजरिम को खुद देना होगा।
Jabalpur News: अग्रिम जमानत, डिफॉल्ट जमानत, अंतरिम जमानत सहित व्यक्तिगत स्वतंत्रता की मांग करने वाले मुजरिमों को अब जमानत आवेदन के साथ पूर्व में दर्ज आपराधिक प्रकरणों की जानकारी अनिवार्य रूप से कोर्ट को देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर देशभर में यह व्यवस्था 1 मई से बदली जा रही है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत के आदेश पर प्रिंसिपल रजिस्ट्रार संदीप शर्मा ने इसका प्रारूप जारी कर दिया है।
मुन्नेश बनाम मध्य प्रदेश प्रकरण में यह बात सुप्रीम कोर्ट के सामने आई है कि मुजरिम ने पुराने आपराधिक रिकॉर्ड छिपाते हुए जमानत ले ली थी। जिसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के न्यायालयों को आदेश दिया है कि जमानत की अर्जी के साथ पूर्व प्रकरणों की पूरी जानकारी ली जाए। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के सीनियर एडवोकेट मनीष दत्त ने बताया कि 1 मई से यह बदलाव किया जा रहा है।
इसके बाद जमानत आवेदन के साथ मुजरिम काे आपराधिक रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से बताना होगा। दरअसल, सीआरपीसी में साल 2008 में यह संशोधन किया गया था। कई मामलों में मुजरिम पर पहले से केस दर्ज है, तो कोर्ट उसकी जमानत अमान्य कर सकता है।
अभी जमानत के मामलों में सरकार मुजरिम का आपराधिक रिकॉर्ड देती थी, पर अब मुजरिम को खुद देना होगा। इस जानकारी के बगैर जमानत की अर्जी स्वीकार ही नहीं की जाएगी।
Created On :   21 April 2025 1:38 PM IST