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Jabalpur News: सेहत से खिलवाड़-खाने की क्वाॅलिटी की परवाह नहीं, कहां से आ रही इसकी भी नहीं हो रही जांच

- स्टेशन पर बिक रही खाद्य सामग्री को लेकर रेल प्रशासन गंभीर नहीं, कमर्शियल विभाग की चुप्पी भी रहस्यमय
- जबलपुर मंडल के स्टेशनों पर तो यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है।
- ये सामग्रियां कहां से आ रही हैं इस बात की जानकारी रेलवे के फूड इंस्पेक्टरों को भी नहीं होती।
Jabalpur News: गर्मी के दिनों में लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्री जरूरी नहीं कि अपने साथ बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री लेकर चलें। अक्सर उनकी सोच होती है कि किसी बड़े स्टेशन पर ट्रेन रुकेगी तो वहीं से गरम और ताजी खाद्य सामग्री का विक्रय कर लिया जाएगा। मगर उन यात्रियों को यह पता नहीं होता कि अधिकांश स्टेशनों पर बिक रही खाद्य सामग्रियों की जांच तक नहीं होती।
खासकर जबलपुर मंडल के स्टेशनों पर तो यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां मुख्य स्टेशन से लेकर छोटे स्टेशनों पर भी बिक रही खाद्य सामग्रियों की क्वाॅलिटी की जांच तक नहीं होती। यहां तक कि ये सामग्रियां कहां से आ रही हैं इस बात की जानकारी रेलवे के फूड इंस्पेक्टरों को भी नहीं होती। यह लापरवाही इस भीषण गर्मी के दिनों में यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हाे सकती है। ऐसा नहीं है कि यह काम केवल अवैध वेंडरों द्वारा किया जा रहा है बल्कि लाइसेंसी ठेकेदारों के खानों की भी लंबे समय से जांच नहीं की गई है।
तीन कैटरिंग इंस्पेक्टर फिर भी जांच नहीं
यह जानकर आश्चर्य होगा कि स्टेशनों पर बिक रही खाद्य सामग्री की क्वाॅलिटी व दर की जांच के लिए कमर्शियल विभाग के पास तीन कैटरिंग इंस्पेक्टर हैं मगर ये कभी जांच करने मौके पर नहीं जाते। इनके पास एक मुख्य स्टेशन नहीं बल्कि मंडल के पूरे 15 स्टेशनों की जांच का अधिकार है।
इन्हें यह भी चेक करना होता है कि यात्रियों को तय दामों पर सामग्री मिल रही है कि नहीं, जो सामग्री निर्धारित है वहीं बिक रही है या फिर उसके अलावा भी कुछ बेचा जा रहा है।
समय-समय पर खाद्य सामग्रियों की जांच कराई जाती है। गर्मी के दिनों में हर स्टेशन पर विशेष मुहिम चलाकर जांच कराई जाएगी।
-शशांक गुप्ता, सीनियर डीसीएम-टू
ये सामग्रियां खुले में बिक रहीं
मुख्य स्टेशन पर दाल-चावल, कढ़ी, सब्जी, समोसा, आलूबंडा, इडली, ऑमलेट, भजिया सहित अन्य तेल से बनी
खाद्य सामग्रियां खुले में बिक रही हैं, जो विभिन्न स्टाॅलों व लाइसेंसी ठेकेदारों के कर्मचारी और अवैध वेंडर बेच रहे हैं। इस बात को लेकर हमेशा ये सवाल उठते आए हैं कि आखिर समय-समय पर इसकी जांच क्यों नहीं होती।
Created On :   16 April 2025 1:39 PM IST