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Jabalpur News: 7 किमी की सड़क शहर से क्या गुजरी हाइवे के "ट्रीटमेंट' से मोहताज हो गई

- चंडाल भाटा से कटंगी बायपास चौराहे तक की सड़क झमेले में
- एनएचएआई इस फेज को बिना सुधारे नगर निगम को सौंप देगा
- विभागों के बीच मार्ग का नए रूप में विकसित होना मुश्किल
Jabalpur News: जबलपुर-दमोह सड़क को हाईवे-34 घोषित कर इसको 800 करोड़ से जल्द बनाना शुरू कर दिया जाएगा। इस सड़क का जो अहम हिस्सा चंडाल भाटा से कटंगी बायपास चौराहे तक आता है, वह हाईवे घोषित नहीं किया गया है। पहले इस सड़क को मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन ने हाशिए पर रखा और अब जब सड़क एनएचएआई के पास है तो भी इसकी सूरत बदलने की स्थिति में नहीं है।
सड़क को वन टाइम अप्रूवल में न सुधारने को लेकर एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि 7 किलोमीटर का हिस्सा जो चंडाल भाटा दमोहनाका से कटंगी बायपास चौराहे तक आता है, वह हाईवे घोषित नहीं हुआ है। जब हाईवे में शामिल नहीं है तो इसकाे शहरी सीमा के हिसाब से नगर निगम को नए रूप में ढालना होगा।
बीच रोड तक विद्युत पोल, हालत पस्त
मौजूदा वक्त में इस मार्ग पर एक किलोमीटर में बीच रोड के हिस्से तक विद्युत पाेल लगे हैं। चंडाल भाटा स्मार्ट सिटी कमांड सेंटर के सामने से एक किलोमीटर के दायरे में ये पोल यातायात में बाधा बने हैं। इससे आगे बढ़ने पर डिवाइडर बिखरे पड़े हैं।
मार्ग पर जगह-जगह कब्जे और फोरलेन होने के बाद भी निकलने का रास्ता मुश्किल है। माढ़ोताल से कटंगी बायपास चौराहे की ओर दोनों ओर कब्जे हैं और यह हिस्सा टू-लेन है जो फोरलेन बनना आवश्यक है।
हाईवे घोषित होने से ये लाभ
शहरी हिस्से की कोई भी सड़क यदि एनएचएआई के पास जाती है, तो हाईवे के नए निर्माण के दौरान ही विभाग को एक बार उसको नया रूप देना होता है। सड़क को हाईवे नाॅर्म्स के अनुसार विकसित किया जाता है। जैसा आगे का हाईवे बनेगा, ठीक वैसा ही और उसी क्वाॅलिटी के अनुसार अंदर शहरी हिस्से वाली सड़क का निर्माण होता है। इसमें फोरलेन हिस्सा है तो फोरलेन और यदि टू-लेन हिस्सा है तो टू-लेन सड़क बना दी जाती है। इसके बाद आमतौर पर इस सड़क को नगर निगम परिषद और नगर निगम हुआ तो उन्हीं को सौंप दिया जाता है।
जीरो प्वाॅइंट पहले दमोहनाका था
जब जबलपुर से दमोह सड़क एमपीआरडीसी के पास थी और स्टेट हाईवे था तो इसका जीरो प्वाॅइंट दमोहनाका चौराहे पर था। इसके अपग्रेडेशन, सुधार और मरम्मत की पूरी जिम्मेदारी एमपीआरडीसी के पास ही थी लेकिन एनएचएआई के पास सड़क जाने पर शहरी हिस्सा झमेले में फंसा रह गया। अब शहरी हिस्से का विकास कौन करेगा, किसी तरह से तय नहीं है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि शहरी हिस्से की सड़क को एनएचएआई को ही बनाना चाहिए, ताकि इसमें जरूरी सुधार हो सके।
मेंटेनेंस के बाद करेंगे हैंडओवर
शहरी हिस्से में आने की वजह से यह सड़क हाईवे में शामिल नहीं है, लेकिन फिलहाल हमारे पास है तो इसका जो भी थोड़ा बहुत मेंटेनेंस का काम है वह करने के बाद नगर निगम को हैंडओवर कर दी जाएगी।
-अमृत लाल साहू, पीडी एनएचएआई
Created On :   16 April 2025 1:21 PM IST