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Jabalpur News: 80% प्रस्तावों को मिली रफ्तार पर जबलपुर की टैंक निर्माण यूनिट अटकी
- सरकारी दावा: रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के सुखद नतीजे आ रहे सामने
- इन्वेस्टर्स की परेशानियों को किया जा रहा है कम
- विगत 20 जुलाई को जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई थी।
Jabalpur News: महाकोशल में नए निवेश लाकर उद्योग जगत को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए आयोजित किए गए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। सरकारी दावों के अनुसार कॉन्क्लेव में पेश किए गए इन्वेस्टमेंट प्रपोजल में से संभाग में 80 प्रतिशत प्रोजेक्ट्स ने गति पकड़ ली है और वे जल्दी शुरू होंगे। वहीं जबलपुर में स्थापित होने वाली टैंक निर्माण इकाई का महत्वाकांक्षी प्रस्ताव दिल्ली, रक्षा मंत्रालय में अटका हुआ है।
इस प्रकार देखा जाए तो जबलपुर को कॉन्क्लेव से अभी तक कुछ भी लाभ नहीं हुआ है। एमपीआईडीसी के अधिकारियों का कहना है कि जबलपुर के संभाग स्तरीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 8375 करोड़ के प्रस्ताव मिले थे। जिनमें से 80 फीसदी से अधिक पर काम प्रोग्रेस में है। इसके साथ ही छोटे-छोटे निवेश प्रस्ताव एमएसएमई विभाग भोपाल के माध्यम से सीधे देखे जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विगत 20 जुलाई को जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई थी। जिसमें इथेनॉल, सीमेंट, टेक्सटाइल, डिफेंस, ऑटोमोबाइल, केमिकल, खाद्य प्रसंस्करण, माइनिंग, टूरिज्म आदि के प्रस्ताव आए थे। अब 24-25 फरवरी को भोपाल में ग्लोबल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाना है।
इन प्रस्तावों पर काम हुआ शुरू
एमपीआईडीसी के अधिकारियों के अनुसार कॉन्क्लेव के प्रस्तावों के अनुसार लोहिया ग्रुप द्वारा 1000 करोड़ रुपए का छिंदवाड़ा में खाद्य प्रसंस्करण के प्लांट का काम शुरू हो गया है। हीडलबर्ग द्वारा 1500 करोड़ रुपए का दमोह में सीमेंट प्लांट, विसॉग बॉयोफ्यूल द्वारा 200 करोड़ रुपए का इथेनॉल का प्लांट बालाघाट, रमणीक ग्रुप द्वारा 200 करोड़ रुपए की लागत से मैंग्नीज व सिलीकॉन से संबंधित प्लांट का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा चंडीगढ़ ग्रुप उमरिया ग्रीन एनर्जी द्वारा उमरिया-डुंगरिया इंडस्ट्रियल एरिया में 400 करोड़ की लागत से इथेनॉल प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए 25 एकड़ जमीन अलॉट हो गई है।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जबलपुर में लगभग 17000 करोड़ निवेश के प्रस्ताव वृहद उद्योगों के लिए तथा लगभग 5000 करोड़ रुपए के प्रस्ताव एमएसएमई सेक्टर के लिए प्राप्त हुए हैं लेकिन यह निवेश संपूर्ण प्रदेश के लिए है। दुर्भाग्यवश कॉन्क्लेव में जबलपुर में कोई भी नए उद्योग स्थापना का प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट में यदि जबलपुर को आकर्षित करना है तो यहाँ का इको-सिस्टम बदलना पड़ेगा एवं जबलपुर में निवेशोन्मुखी वातावरण तैयार करना पड़ेगा।
- हिमांशु खरे, उपाध्यक्ष फेडरेशन ऑफ मध्य प्रदेश चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जबलपुर में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद संभाग में निवेश के लिए माहौल बना है। निवेश के लिए इच्छुक लोग अब आ रहे हैं। कई इंडस्ट्री अपने प्लांट लगाने के लिए आ रही हैं।
- सृष्टि प्रजापति, ईडी एमपीआईडीसी
वीएफजे में हाइड्रोजन इंजन का प्रस्ताव पेंडिंग में
कॉन्क्लेव में एवीएनएल (वीएफजे जबलपुर) द्वारा 600 करोड़ रुपए का प्रस्ताव दिया गया था, इसके अंतर्गत वीएफजे में टैंक निर्माण यूनिट लगाई जानी है। बताया जाता है कि यह प्रस्ताव वर्तमान में रक्षा मंत्रालय में अटका हुआ है। इसके अलावा एवीएनएल (वीएफजे जबलपुर) और अशोक लेलैंड के मध्य करार भी हुआ था, इसके अंतर्गत वीएफजे में संयुक्त रूप से हाइड्रोजन इंजन बनाने की यूनिट लगाई जानी है। इस प्रस्ताव के लिए किसी प्रकार कि राशि की घोषणा नहीं की गई थी। अगर इन प्रस्तावों को अमल में लाया जाता है तो जबलपुर को कई लाभ मिलेंगे।
Created On :   23 Jan 2025 3:54 PM IST